भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक धरोहर के रक्षक: हनुमान प्रसाद पोद्दार
किसी भी राष्ट्र और समाज के लिये केवल राजनैतिक स्वतंत्रता ही पर्याप्त नहीं होती। उसकी अपनी एक साँस्कृतिक विरासत होती
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Read moreक्रूरतम यातनाओं का क्रम सम्भाजी के साथ चला। यह सब कोई 38 दिन चला। उन्हे उल्टा लटका कर पिटाई की गई, आँखे निकालीं गई, चीरा लगाकर नमक लगाया गया, जिव्हा काटी गई। और अंत में एक एक अंग काटकर तुलापुर नदी में फेक दिया गया।
Read moreबलिदानी भाई मणिसिंह का उल्लेख लगभग सभी सिक्ख ग्रंथों में है। एक अरदास में भी उनका नाम आता है। पर उनके जन्म की तिथि पर मतभेद है। मुगल काल में उन्हें परिवार सहित बंदी बनाया था और मतान्तरण के लिये दबाव डाला गया। वे तैयार नहीं हुये तो पूरे परिवार के एक एक अंग काटकर प्राण लिये गये।
Read moreयावती ने लगभग 40 महिलाओं के साथ सभा स्थल में प्रवेश किया। महिलाओं का जत्था पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच खड़ा हो गया। पुलिस बल महिलाओं को हटाने बंदूक के संगीनों से धमकाने लगे। इससे दयावती बिफर गई और एक बंदूकधारी पुलिस वाले के सामने खड़ी होकर गोली चलाने के लिए ललकारने लगी।
Read moreऐसे चिंतक विचारक और क्राँतिकारी पृथ्वी सिंह आजाद का जन्म 15 सितंबर 1892 को पंजाब प्रांत के मोहाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम लालरू में हुआ था। इन दिनों इस क्षेत्र को साहिबजादा अजीतसिंह नगर के नाम से जाना जाता है।
Read moreसुप्रसिद्ध क्रान्तिकारी और विचारक लाला हरदयाल की गणना उन विरले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में होती है जिन्होंने केवल भारत ही नहीं अपितु अमेरिका और लंदन में भी अंग्रेजों के अत्याचारों के विरुद्ध जनमत जगाया था।
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