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वैदिक साहित्य के पुर्नप्रवर्तक श्रीपाद दामोदर सातवलेकर

हीं उनका संपर्क वे आर्य समाज से हुआ।वे आर्य समाज की वेदांत गोष्ठियों में भाग लेने लगे। उनकी व्याख्या और तर्क से समूचा वैदिक विद्वान समाज प्रभावित हुआ।उन्होंने आर्य समाज केलिये “सत्यार्थ प्रकाश”, “ऋग्वेदादि भाष्य भूमिका” व “योग तत्वादर्श” का मराठी में अनुवाद भी किया।

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भारतीय शिक्षा और समाज सुधारक ईश्वरचंद्र विद्यासागर

गुरुकुल नष्ट कर दिये गये थे, चर्च और बाइबिल आधारित शिक्षा आरंभ कर दी गई थी। ऐसे समय में एक ऐसे व्यक्तित्व की आवश्यकता थी जो भारतीय समाज में आत्मविश्वास जगाकर अपने स्वत्व से जोड़ने का अभियान छेड़े।

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कारगिल युद्ध में भारत की विजय के कर्णधार : कारगिल विजय दिवस

किसी भी राष्ट्र के लिए उसकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण होती है। सीमाओं की सुरक्षा के साथ नागरिकों की एवं उनके

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गणेश वासुदेव जोशी: स्वदेशी आंदोलन के प्रेरणास्त्रोत

25 जुलाई 1880 सुप्रसिद्ध समाजसेवी गणेश वासुदेव जोशी का निधन
इनके स्वदेशी आँदोलन से ही गाँधी जी को मिली थी खादी प्रचार की प्रेरणा..

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वीर योद्धा कुँवर चैनसिंह और उनकी सैन्य टुकड़ी की शौर्य गाथा

24 जुलाई 1824 : क्राँतिकारी कुंवर चैनसिंह का बलिदान निसंदेह भारत पर दासत्व का अंधकार एक लंबे समय तक छाया

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जलियांवाला बाग से लेकर बिलफ्रेड पार्क तक का सफर

महान क्राँतिकारी चन्द्रशेखर आजाद एक ऐसे विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे कि उन्होंने अंग्रेजी शासन के विरुद्ध भारत के संपूर्ण

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