समाज

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एआई मंत्री डिएला के डिजिटल मातृत्व की एक अनोखी कथा

अल्बानिया ने इतिहास रचते हुए “डिएला” नामक एआई को राज्य मंत्री बनाया, जो अब 83 डिजिटल सहायकों के रूप में अपनी “संतानें” तैयार कर रही है। यह कहानी तकनीक, शासन और मानवीय कल्पना के अद्भुत संगम की झलक प्रस्तुत करती है।

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उलगुलान से उपजी सांस्कृतिक चेतना : वीर बिरसा मुंडा

वीर बिरसा मुंडा केवल एक क्रांतिकारी नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण के अग्रदूत थे। उन्होंने ‘उलगुलान’ के माध्यम से जनजातीय समाज को संगठित किया, धर्मांतरण के षड्यंत्रों का विरोध किया और भारतीय संस्कृति की मूल चेतना को पुनर्जीवित किया। यह आलेख आर्य-अनार्य सिद्धांत की सच्चाई और बिरसा के हिंदुत्वनिष्ठ आंदोलन को उजागर करता है।

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वैश्विक संकट और भारत में वन्यजीव संरक्षण

वन्यजीव संरक्षण आज वैश्विक संकट है। जलवायु परिवर्तन, आवास हानि और अवैध शिकार जैसी चुनौतियों के बीच भारत ने प्रोजेक्ट टाइगर, एलीफेंट, डॉल्फिन और चीता जैसी योजनाओं से उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं।

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स्व का बोध से पर्यावरण संरक्षण तक: भारत निर्माण की दिशा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा प्रतिपादित पंच परिवर्तन सूत्र – स्व का बोध, कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य, सामाजिक समरसता और पर्यावरण संरक्षण – समाज को सशक्त और समरस बनाने का मार्गदर्शन करते हैं।

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आधुनिक काल में गुरु की प्रासंगिकता और चुनौतियाँ : शिक्षक दिवस

5 सितंबर को मनाया जाने वाला शिक्षक दिवस डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती का स्मरण है। यह दिन समाज निर्माण में शिक्षकों की भूमिका, उनकी चुनौतियों और आधुनिक शिक्षा में उनकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डालता है।

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शिक्षा, समाज और राष्ट्र पर डॉ. मोहन भागवत का दृष्टिकोण : तीन दिवसीय संवाद

दिल्ली में विज्ञान भवन में हुए तीन दिवसीय संवाद में डॉ. मोहन भागवत ने शिक्षा, संविधान, आरक्षण, जाति व्यवस्था, हिन्दू राष्ट्र और राष्ट्रीय सुरक्षा पर संघ की स्पष्ट विचारधारा रखी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी संवाद कार्यक्रम में 218 प्रश्नों के उत्तर देते हुए डॉ. मोहन भागवत ने शिक्षा, समाज, भाषा, जाति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर तार्किक व तथ्यपरक विचार रखे।

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