बस्तर के द्वार पर स्थित एक ऐसा प्राकृतिक स्थल जहाँ आप जाना चाहेंगे
जब हम घाट चढ़कर ऊपर पहुंचते हैं तो तेलीन सत्ती का मंदिर है, इसके ऊपर वाले चक्कर पर एक रेस्ट हाऊस। इस सरकारी रेस्ट हाऊस से घाटी का सुंदर नजारा दिखाई देता है
Read moreजब हम घाट चढ़कर ऊपर पहुंचते हैं तो तेलीन सत्ती का मंदिर है, इसके ऊपर वाले चक्कर पर एक रेस्ट हाऊस। इस सरकारी रेस्ट हाऊस से घाटी का सुंदर नजारा दिखाई देता है
Read moreतीन दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन संचालनालय संस्कृति एवं पुरातत्व छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किया गया। इस संगोष्ठी में शोधार्थियों द्वारा शोध पत्र पढे गए तथा मल्हार के पुरातत्व पर विद्वानों के व्याख्यान हुए।
Read moreमच्छरों को पैदा होने से रोकने के उपाय – लार्वा नियंत्रण हेतु घर या ऑफिस के आसपास पानी जमा न होने दें, गड्ढों को मिट्टी से भर दें, रुकी हुई नालियों को साफ करें। अगर पानी जमा होेने से रोकना मुमकिन नहीं है तो उसमें केरोसिन अथवा मोबिल ऑयल डालें।
Read moreप्रो कृष्णदत्त बाजपेयी जन्मशती स्मृति में त्रि दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 10 से 12 अगस्त 2018 को राजधानी रायपुर में किया जा रहा है।
Read moreइंतजार किस बात का? अपना बैकपैक बांधिए और निकल पड़िए छत्तीसगढ़ के मानसून भ्रमण के लिए। मानसून भ्रमण के लिए अभी यह उपयुक्त मौसम है। हो सकता है पावस गीत सुनाने के लिए आपका कोई इंतजार रहा हो।
Read moreवनवासी कहते हैं कि त्यौहारों के अवसरों पर इस गुफ़ा से मुहरी, चांग, डफ़ड़ा आदि प्राचीन वाद्ययंत्रों की ध्वनियाँ सुनाई देती हैं। आज तक यह रहस्य बना हुआ कि प्राचीन काल में बजाए जाने वाले इन वाद्यों का वादन त्यौहारों के अवसर कौन करता है?
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