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विश्व पर्यावरण दिवस और प्रकृति के प्रति हमारा कर्तव्य

यह अभियान भारत में पर्यावरण के लिए जीवन शैली के साथ पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वृक्षारोपण एवं वृक्षों की सुरक्षा करना, पर्यावरण के लिए हानिकारक वस्तुओं का उपयोग कम से कम करना, स्वच्छताअभियान, शिक्षा, जागरूकता अभियान द्वारा अनुकूल जीवन शैली की ओर प्रेरित करने की आवश्यकता है।

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पृथ्वी के अंतिम छोर स्वालबार्ड की रहस्यमयी दुनिया

स्वालबार्ड आर्कटिक महासागर में स्थित है और नॉर्वे तथा उत्तर ध्रुव के बीच आता है। इसकी राजधानी लोंगइयरब्येन (Longyearbyen) है, जो सबसे उत्तर में बसी स्थायी मानव बस्ती मानी जाती है।

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बस्तर दशहरा को वैश्विक पहचान दिलाने अभी से तैयारी करने के मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आगामी पर्यटन सीजन के बीच आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को लेकर भी योजनाओं की रूपरेखा बनाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि निजी क्षेत्र को पर्यटन में भागीदार बनाना जरूरी है। उन्होंने पर्यटन सर्किट विकसित करने की बात कही ताकि पर्यटकों को एक बेहतर यात्रा अनुभव मिल सके। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, गाइड प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

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प्रदेश में वन आधारित पर्यटन और जल आधारित पर्यटन को दिया जाए बढ़ावा: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

बैठक में ईको टूरिज्म, एथेनिक टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, हेरीटेज टूरिज्म, वन्य जीव पर्यटन, वाटर स्पोर्ट्स की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर, सरगुजा सहित प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों को ब्रांड के रूप में स्थापित किया जाए। 

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सिद्धेश्वर से त्रयंबकेश्वर : यात्रा वृत्तांत

यात्राओं का उदेश्य जहां एक ओर अवचेतन मन में स्थित वेदनाओं का चेतन प्रकृति के तादात्म्य से शमन करना हैं तो दूसरी ओर स्वयं को जानना हैं। स्वयं को जानने का सबसे अच्छा माध्यम हैं

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तीन नदियों के संगम और आध्यात्मिक धरोहर का केंद्र सांकरदाहरा

सांकरदाहरा में शिवनाथ नदी के संगम के साथ डालाकस और कुर्रू नाला नदियां मिलती हैं। यहां नदी तीन धाराओं में बंट जाती है और फिर सांकरदाहरा के नीचे आपस में मिलती हैं। इस संगम पर स्थित मंदिर और नदी तट पर बनी भगवान शंकर की 32 फीट ऊंची विशालकाय मूर्ति हर आने वाले को मंत्रमुग्ध कर देती है। मंदिर का रमणीय दृश्य और नौका विहार की सुविधा इस स्थल को और भी खास बनाती है।

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