भारत में विविध परंपराओं का संगम दशहरा पर्व
दशहरा हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है। आश्विन मास (कुंवार मास) की शुक्लपक्ष की दसमीं तिथि को मनाया जाता है। यह
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Read Moreभारत में विजयादशमी का महत्व प्राचीन काल से ही रहा है, इसे किसी न किसी रुप में उत्सवपूर्वक मनाया जाता
Read Moreउत्सवों का मानव जीवन से आदिकाल से गहरा नाता रहा है। यह केवल सामूहिक उल्लास और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का माध्यम
Read Moreकरमा नृत्य के बारे में कई पौराणिक कहानियाँ और धार्मिक धारणाएँ प्रचलित हैं। इसका संबंध ‘करम’ देवता से जोड़ा जाता है, जिन्हें कर्म का प्रतीक माना जाता है। करम देवता की पूजा फसलों की अच्छी पैदावार और परिवार की खुशहाली के लिए की जाती है।
Read Moreॠषि पंचमी को मनाया जाने वाला त्योहार नुआखाई ओडिशा और छत्तीसगढ़ की समृद्ध कृषि संस्कृति का महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व नई फसल के स्वागत के साथ-साथ भगवान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक माध्यम है। नुआखाई का उत्सव ग्रामीण समाज के बीच सामाजिक एकता और संस्कृति का प्रतीक है। इसके साथ ऋषि पंचमी महिलाओं के लिए आत्मशुद्धि और प्रायश्चित का पर्व है। सप्तऋषियों की पूजा के माध्यम से यह पर्व नारी शक्ति के आध्यात्मिक और सामाजिक उत्थान का प्रतीक है।
Read Moreआदिकाल से गणेश की स्तुति के अलग अलग प्रमाण मिले हैं। इनकी कथा भिन्न-भिन्न है। सतयुग में सिंहासन आरूढ़ विनायक के स्वरूप में पूजा गया जिनकी दस भुजा थी परन्तु मुख तो हाथी का ही था। त्रेतायुग में गणेश मयूरारूढ़, मयूरेश्वर के नाम से विख्यात थे जिनकी छह भुजा थी। द्वापर में इनका वाहन भूषकराज था तब इनकी चार भुजाएं थी। कलि के अंत में ये धुम्रकेत के नाम से अश्व में सवार होंगे इनका वर्ण भी धुम्र होगा।
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