लोक-संस्कृति

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भारत में भरता है नागपंचमी को सांपों का अनूठा मेला

बिहार के सिंहिया में 300 साल पुराने नागपंचमी मेले की खोज करें, जहां सांप पूजा के रीति-रिवाज भक्तों को अपनी मुरादें पूरी करने के लिए आकर्षित करते हैं। यह मेला अन्य नागपंचमी उत्सवों से अलग है क्योंकि यहां सांपों के साथ सीधे संपर्क और उन्हें संभालने की परंपरा है।

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नागपंचमी से नागवंश तक संस्कृति में छिपा है जैव विविधता संरक्षण का मंत्र

नाग केवल पौराणिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि पारिस्थितिकी संतुलन के मौन रक्षक हैं। यह आलेख बताता है कि नागों की पूजा भारतीय संस्कृति में जैवविविधता संरक्षण का गूढ़ संदेश छिपाए हुए है।

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आस्था, परंपरा और प्रकृति से जुड़ा उत्सव हरियाली तीज

हरियाली तीज का पर्व न केवल सुहागिनों के लिए आस्था और सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि यह प्रकृति, पर्यावरण और जैव विविधता संरक्षण का भी संदेश देता है। जानिए इस पर्व की सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक और पारिस्थितिक महत्ता।

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प्रकृति, परंपरा और परिश्रम का उत्सव: छत्तीसगढ़ का हरेली तिहार

छत्तीसगढ़ का हरेली तिहार न केवल किसानों का पर्व है, बल्कि जैव विविधता संरक्षण, हरियाली और परंपरा का संदेश देने वाला सांस्कृतिक उत्सव भी है।

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ऋषि-कृषि संस्कृति का गढ़ छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ का हरेली पर्व न केवल कृषि उपकरणों की पूजा का दिन है, बल्कि यह ग्रामीण जीवन, लोकविश्वास, परंपरा, गेड़ी खेल और तांत्रिक साधनाओं के साथ एक जीवंत सांस्कृतिक उत्सव भी है।

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भारतीय सिनेमा की पहली शिक्षित स्टार नायिका से कालजयी ‘माँ’ तक का प्रेरक सफर

लीला चिटनिस ने 1930‑80 के बीच हिट फिल्मों, लक्स विज्ञापन और माँ की कालजयी भूमिकाओं से हिंदी सिनेमा में इतिहास रचा, सामाजिक बंदिशें भी तोड़ीं।

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