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भारतीय लोकतंत्र की आत्मा संविधान

भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है, जो न केवल शासन और प्रशासन का मार्गदर्शन करता है, बल्कि देश की प्रगति और स्थिरता का आधार भी है। इसे 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।

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हिंदुत्व और विकास के एजेंडे ने भाजपा को दिलाई ऐतिहासिक जीत : महाराष्ट्र चुनाव 2024

इस चुनाव का विश्लेषण करे तो समझ आता है कि भाजपा की आक्रामक हिंदुत्व की रणनीति और ओबीसी मतदाताओं को एकजुट करने की नीति सफल रही। इसके साथ ही, भाजपा ने महिलाओं और युवाओं के लिए योजनाओं की घोषणा की, जो उनके पक्ष में रही। भाजपा की ‘लड़की बहन योजना’ ने महिला मतदाताओं पर सकारात्मक प्रभाव डाला।

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डिजिटल युग में प्रेस की स्वतंत्रता और पत्रकारों की चुनौतियां

वर्तमान दौर में पत्रकारों को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो न केवल उनके पेशेवर जीवन बल्कि उनके व्यक्तिगत जीवन को भी प्रभावित करती हैं। पत्रकारों को कई बार गंभीर शारीरिक खतरों का सामना करना पड़ता है, खासकर जब वे भ्रष्टाचार, अपराध, या सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करते हैं।

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मांगलिक अवसरों पर गृह अलंकरण की प्राचीन परम्परा

रंगोली दीपावली की साज सज्जा का प्रमुख आकर्षण होता है, वैसे द्वार सज्जा के लिए पत्र पुष्पों का भी प्रयोग करने प्राचीन परम्परा रही है। जिसका प्रयोग हम आज भी आम की तोरण/बंदनवार रुप में परम्परा से करते आ रहे हैं।

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स्मृतियों में बसा हुआ दर्द और पीढ़ियों का सबक : विभाजन विभीषिका

भारत का विभाजन विश्व इतिहास की एक ऐसी घटना है जिसे सदियों नहीं भुलाया जा सकता। इस विभाजन ने लोगों

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जैव विविधता संरक्षण में हाथियों की भूमिका और मानव-हाथी संघर्ष

हाथियों के हमलों में प्रतिवर्ष सैकड़ों लोगों की जान जा रही है और फ़सलों के साथ सम्पत्ति को नुकसान पहुंच रहा है, इस कारण हाथी भी मनुष्य के द्वारा मारे जा रहे हैं। जबकि हाथी का होना जैव विविधता संरक्षण में उतना ही जरुरी है जितना किसी अन्य प्राणी का। इन घटनाओं से मनुष्य एवं हाथियों के बीच सहअस्तित्व खत्म हो रहा है।

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