\

वनों का महत्व और संरक्षण की आवश्यकता : विश्व वानिकी दिवस

छत्तीसगढ़ में स्थित वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान अनेक दुर्लभ और संकटग्रस्त जीवों के लिए प्राकृतिक आवास प्रदान करते हैं। इसके अलावा, यहाँ की नदियों और आर्द्रभूमियाँ (वेटलैंड्स) जल संसाधनों को संरक्षित करने और जैव विविधता को बनाए रखने में सहायक हैं।

Read more

वसंत के संदेशवाहक महुआ के फ़ूल

महुआ और पलाश के खिलते हुए फूल वसंत के संदेशवाहक हैं, जो हमें ऋतुराज के आगमन की सूचना देते हैं. महुए के पेड़ों के नीचे बहुत जल्द उनके सुनहरे ,पीले फूलों की बारिश होगी। वसंत के इस मौसम में अभी महुए की कलियां धीरे -धीरे कुचिया रही हैं। जैसे ही फूल बनकर धरती पर उनका टपकना शुरू होगा , वनवासियों के लिए मौसमी रोजगार के भी दिन आ जाएंगे ।

Read more

भारतीय संस्कृति में है पक्षी प्रेम की प्राचीन परम्परा

इन दिनों उत्तर भारत की अनेक झीलों में विचरण करते विविध प्रकार के प्रवासी पक्षी आमजन को लुभा रहे हैं । पक्षी प्रेम और संरक्षण की बहुत ही सशक्त परम्परा भारतीय समाज में प्राचीन काल से रही है। चरक संहिता, संगीत रत्नाकर और भरतमुनि के नाट्यशास्त्र में पक्षियों की चारित्रिक विशेषताओं का सुन्दर चित्रण किया गया है। मनुस्मृति व पाराशरस्मृति आदि में पक्षियों के शिकार का निषेध किया गया है।

Read more

स्वच्छ जल और पर्यावरण की प्रहरी फुरफुन्दी

सावन,भादों में बच्चों के बीच इसे पकड़ने के लिए होड़ लग जाती थी, कि किसने कितनी पकड़ी और लाल पंखों वाला राजा किसके हाथ लगा। फुरफुन्दी पकड़ना आसान भी नहीं था। छोटे-छोटे पौधों पर इधर से उधर, कभी आगे, कभी पीछे उड़ने वाली फुरफुन्दी जिसे दबे पांव चुपचाप पकड़ना पड़ता था।

Read more

आम, अमराई और वे बचपन के दिन

आजकल अंधड़ के मौसम में शाम को मैहर से सतना लौटते वक्त कभी-कभी धूल भरी तेज हवाओं के बीच से

Read more

नाना नानी हो तो नीम जैसे

नीम इतना परिचित और अपना है कि नीमला, नीबड़ा जैसे मैत्री वाली भाषा से भी बुलाया और बतलाया जाता है। है भी ठेठ गंवाई पेड़। गली का पेड़। गली की गांठ चौरे का पेड़। इसको पेड़ से ज्यादा अपना सगा ही माना जाता है। आत्मिक नीम! सेहरी का प्रहरी और घर का जर। रोग हर।

Read more