आचार्य विनोबा भावे : भूदान और ग्रामदान आंदोलन के प्रणेता
आचार्य विनोबा भावे की जयंती पर विशेष — भूदान और ग्रामदान आंदोलन के प्रणेता, महात्मा गांधी के शिष्य और भारत रत्न विनोबा जी की पदयात्राओं, विचारों और योगदान का विवरण।
Read Moreआचार्य विनोबा भावे की जयंती पर विशेष — भूदान और ग्रामदान आंदोलन के प्रणेता, महात्मा गांधी के शिष्य और भारत रत्न विनोबा जी की पदयात्राओं, विचारों और योगदान का विवरण।
Read Moreआज के समाज में प्रेम-विवाह आम हो चुके हैं, लेकिन आर्थिक आत्मनिर्भरता, सामाजिक जिम्मेदारी और पारिवारिक सम्मान को नजरअंदाज करना युवाओं के वैवाहिक जीवन को संकट में डाल सकता है।
Read Moreजो होता है, अच्छे के लिए ही होता है। और जो आगे होगा, वह भी अच्छे के लिए ही होगा। ईश्वर का निर्णय सदैव हितकारी होता है, केवल हम अल्पबुद्धि मनुष्य उसकी योजना को तत्काल नहीं समझ पाते और व्यर्थ की चिंता करते हैं।
Read Moreपहलगाम की अमानवीय घटना के बाद भारत सरकार ने जिस तरह से स्पष्ट अप्रत्यक्ष में यह भारत के सामर्थ्य और जीवंत लोकतंत्र का प्रमाण है। ‘रेडिकल इस्लामिक आतंकीवाद’ जिस तरह से लोगों को कत्ल करने को प्रेरित करता है, वह पूरे आत्मबल को झकझोर देता है, खास तौर पर जब देश के रक्षक इस तरह से मारे जाते हैं।
Read Moreमुस्लिम तुष्टीकरण की नीति पर चलते हुये कांग्रेस ने एक और बड़ा निर्णय लिया है। काँग्रेस के नेतृत्व में काम करने वाली तैलंगाना सरकार ने ओबीसी वर्ग केलिये निर्धारित आरक्षण कोटे से मुसलामानों को चार प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा कर दी है। तैलंगाना से जनसंख्या के आंकड़ों में भी हेरफेर करने के आरोप सामने आ रहे हैं।
Read Moreसम्पूर्ण देश से तीर्थयात्री गंगासागर यात्रा पर आते हैं। इसी को आधार बना कर बंगाल सरकार गंगासागर मेला आयोजन के लिए प्रतिवर्ष केन्द्र से धन मांगती है। गंगासागर मेले की तुलना में कुम्भ मेला दस गुना बड़ा होता है। प्रयागराज कुम्भ में किसी यात्री के अस्वस्थ होते ही उल्लास से भर उठने वाले व्यक्ति-विशेष गंगासागर मेले की घोर अव्यवस्था पर कोई टिप्पणी नहीं करते।
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