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भारत को अब जरूरत है ‘ऑपरेशन गद्दार’ की

पहलगाम की अमानवीय घटना के बाद भारत सरकार ने जिस तरह से स्पष्ट अप्रत्यक्ष में यह भारत के सामर्थ्य और जीवंत लोकतंत्र का प्रमाण है। ‘रेडिकल इस्लामिक आतंकीवाद’ जिस तरह से लोगों को कत्ल करने को प्रेरित करता है, वह पूरे आत्मबल को झकझोर देता है, खास तौर पर जब देश के रक्षक इस तरह से मारे जाते हैं।

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कांग्रेस का मुस्लिम तुष्टीकरण और उसके प्रभाव

मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति पर चलते हुये कांग्रेस ने एक और बड़ा निर्णय लिया है। काँग्रेस के नेतृत्व में काम करने वाली तैलंगाना सरकार ने ओबीसी वर्ग केलिये निर्धारित आरक्षण कोटे से मुसलामानों को चार प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा कर दी है। तैलंगाना से जनसंख्या के  आंकड़ों में भी हेरफेर करने के आरोप सामने आ रहे हैं।

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घोर अव्यवस्था का तीर्थ गंगासागर

सम्पूर्ण देश से तीर्थयात्री गंगासागर यात्रा पर आते हैं। इसी को आधार बना कर बंगाल सरकार गंगासागर मेला आयोजन के लिए प्रतिवर्ष केन्द्र से धन मांगती है। गंगासागर मेले की तुलना में कुम्भ मेला दस गुना बड़ा होता है। प्रयागराज कुम्भ में किसी यात्री के अस्वस्थ होते ही उल्लास से भर उठने वाले व्यक्ति-विशेष गंगासागर मेले की घोर अव्यवस्था पर कोई टिप्पणी नहीं करते।

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भावनाओं का प्रभाव और महत्व : मनकही

शुद्ध भावनाओं से प्रेरित कार्य समाज और व्यक्ति दोनों के लिए हितकारी होते हैं। जीवन को सार्थक और सुखमय बनाने के लिए हमें अपनी भावनाओं को शुद्ध और सकारात्मक रखना चाहिए।

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अवसर कबहुँ न गँवाईये – मनकही

सुसंगति से अच्छे कार्य की प्रेरणा मिलेगी जो प्रत्येक क्षण कुछ अच्छा करने का संबल प्रदान करती है। फलस्वरूप आप सफलता की एक एक सीधी चढ़ते चले जाते हैं। परिवार समाज और देश मे प्रतिष्ठित होकर सबके आदर्श भी बनते हैं।

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सामाजिक समरसता के अग्रदूत थे गुरु घासीदास

कहा जाता है कि गुरु घासीदास के आध्यात्मिक जागरण आंदोलन में बड़ी संख्या में साहू, यादव, मरार, लोहार सहित लगभग 75 जातियों के लोग जुड़े थे। ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार “गुरु घासीदास सामाजिक समरसता के अग्रदूत थे और उन्होंने अनेक जातियों को एकरस बना दिया था

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