धर्म-अध्यात्म

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शिकागो संभाषण 11 सितंबर, भारतीय संज्ञा प्रज्ञा विज्ञा का परिचय

स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण और उनके विचार आज भी भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद और आध्यात्मिकता के मार्गदर्शक हैं। यह आलेख बताता है कि कैसे उनके संदेश विश्व को प्रेरित करते हुए भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने का मार्ग दिखाते हैं।

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स्वामी विवेकानंद का ऐतिहासिक भाषण और भारत का गौरव

11 सितंबर 1893 को शिकागो धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के “मेरे प्यारे भाइयो और बहनो” संबोधन ने विश्व को भारतीय दर्शन, सहिष्णुता और मानवता का संदेश दिया। यह क्षण हर भारतवासी के लिए गर्व का प्रतीक है।

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प्रकृति, पितृ एवं ऊर्जा का संगम : पितृमोक्ष अमावस्या

सर्व पितृमोक्ष अमावस्या शरद और हेमंत ऋतु संगम का पावन पर्व है। यह तिथि पूर्वजों के स्मरण, प्रकृति ऊर्जा से जुड़ाव और समाज जीवन को समृद्ध बनाने का संदेश देती है।

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पूर्वज स्मरण, कुटुम्ब महत्ता और प्रकृति समन्वय का पर्व : पितृपक्ष

पितृपक्ष पूर्वजों के स्मरण, कुटुम्बीय एकता और प्रकृति से समन्वय का पर्व है। श्राद्ध, तर्पण और पाँच ग्रास परंपरा के माध्यम से यह व्यक्ति, परिवार और समाज को आंतरिक शक्ति और जीवन मूल्य प्रदान करता है।

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चंद्रग्रहण 7 सितंबर 2025 को कब और कहाँ दिखेगा, सूतक कब लगेगा?

7 सितंबर 2025 को पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा। जानिए कब से कब तक रहेगा ग्रहण, सूतक काल, धार्मिक महत्व और वैज्ञानिक दृष्टि।

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श्रद्धा, विज्ञान और मनोविज्ञान का अनूठा संगम : पितृ पक्ष

पितृ पक्ष केवल धार्मिक रीति नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह पूर्वजों की स्मृति और भावनात्मक संतुलन का पर्व है। आज की भागदौड़ भरी दुनिया में पितृ पक्ष हमें ठहरकर सोचने, अपनी जड़ों से जुड़ने और जीवन की क्षणभंगुरता को समझने का अवसर देता है।

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