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सोमवती अमावस्या का महत्व और परंपरा

सोमवती अमावस्या की कथाएँ इस बात को रेखांकित करती हैं कि यह दिन श्रद्धा, सेवा, दान और पितृ पूजा के माध्यम से जीवन में शुभता और समृद्धि लाने का अवसर प्रदान करता है।

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पृथ्वी पर सनातन संस्कृति का महाकुंभ प्रयागराज में

कुंभ मेला सनातन परंपरा की सर्वोच्च तीर्थ यात्रा करते लोग नदियों में स्नान कर ज्ञान की पिपासा लिए संत समागम करते हैं। मोक्ष की आस लिए सर्वस्व दान करते हैं, जहां चहुंओर मंत्रोच्चार अनहद नाद ध्वनित होते हुए महसूस होता है। ऐसे सुंदरतम दृश्य को निहारने अपार जनसमूह आ जुटता है कुंभ के मेला में…!

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प्रयागराज कुंभ मेले का इतिहास, महत्व एवं महत्वपूर्ण स्नान तिथियाँ

कुंभ मेला मोक्ष प्राप्ति का माध्यम माना जाता है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है। साधु-संतों द्वारा दी गई शिक्षाएं और प्रवचन आत्मा की शुद्धि में सहायक होते हैं। यह मेला भारत की विविध संस्कृतियों और परंपराओं का संगम है।

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ऐसे देवता जिन पर सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की रक्षा दायित्व है

अष्टभैरव (आठ भैरव) भगवान शिव के आठ प्रमुख रूप हैं, जिन्हें पूरे ब्रह्मांड की रक्षा करने वाले और आठ दिशाओं के रक्षक माना जाता है। प्रत्येक भैरव का एक विशेष कार्य, दिशा, और देवी शक्ति (संगिनी) होती है।

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गौरक्षा आंदोलन में गोलीकांड और साधु-संतों का बलिदान

व्यक्तिगत स्तर पर नंदा जी गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने के पक्षधर थे। पर निर्णय न हो सका और उनके गृहमंत्री रहते हुये संतों पर लाठी गोली और अश्रुगैस छूटी। उन्होने इस घटना से क्षुब्ध होकर अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।

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सूर्योपासना पर्व छठ पूजा का सांस्कृतिक, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

सूर्य को वैदिक साहित्य में ‘सूर्य नारायण’ या ‘सविता’ के रूप में पूजा जाता है। ऋग्वेद में सूर्य को जीवनदायिनी शक्ति का प्रतीक माना गया है, और उसे सभी प्राणियों के अस्तित्व का आधार बताया गया है।

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