रामायण में पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति प्रेम : वाल्मीकि जयंती
महर्षि वाल्मीकि जयंती केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि मानव और प्रकृति के गहरे संबंध का प्रतीक है। रामायण में पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता का अद्भुत दर्शन मिलता है।
Read Moreमहर्षि वाल्मीकि जयंती केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि मानव और प्रकृति के गहरे संबंध का प्रतीक है। रामायण में पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता का अद्भुत दर्शन मिलता है।
Read Moreशरद पूर्णिमा भारतीय संस्कृति का विशेष पर्व है। इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। मां लक्ष्मी की पूजा, रात्रि जागरण, खीर की परंपरा और चंद्रकिरणों का वैज्ञानिक महत्व इसे अद्वितीय बनाता है।
Read Moreउत्तरकांड में वर्णित श्रीराम और भरत का मिलन भारतीय संस्कृति में भाईचारे, त्याग और कर्तव्यनिष्ठा का अद्भुत उदाहरण है। यह प्रसंग समाज को आज भी प्रेम, धैर्य और क्षमा का संदेश देता है।
Read Moreश्री दुर्गासप्तशती केवल देवी–स्तोत्र नहीं, बल्कि स्त्री–सशक्तिकरण, स्त्री–आर्मी, शिक्षा, विज्ञान और समाज–शासन का सनातन घोषणापत्र है, जो स्त्री को विश्व–नियामक शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित करता है।
Read Moreनवरात्र साधना केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि चेतना को प्रकृति की अनंत ऊर्जा से जोड़ने, शरीर-मन को सशक्त बनाने और आयुर्वेदिक औषधियों के माध्यम से आरोग्य प्राप्त करने का वैज्ञानिक व आध्यात्मिक मार्ग है।
Read Moreशारदीय नवरात्रि का गहन महत्व, नौ देवियों की उपासना, अनुष्ठान, शक्ति साधना की परंपराओं पर विस्तृत आलेख।
Read More