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आदिवासी अंचलों में पहुंच रही हैं तेजी से विकास योजनाएं

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की बागडोर आदिवासी नेता श्री विष्णु देव साय के हाथों में सौंप दी है, जो राज्य की स्थापना के 23 वर्षों में पहले आदिवासी मुख्यमंत्री बने हैं। नई सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की शुरुआत की है, जिनमें प्रधानमंत्री जनमन योजना, बस्तर में स्टील प्लांट की स्थापना, और आदिवासी बच्चों के लिए विशेष विद्यालय शामिल हैं। इन पहलों से आदिवासी समुदाय को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।

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छत्तीसगढ़ में स्थापित होगा देश का तीसरा सबसे बड़ा बाघ अभयारण्य

छत्तीसगढ़ में देश का तीसरा सबसे बड़ा बाघ अभयारण्य, गुरु घासीदास-तमोर पिंगला, जल्द ही अस्तित्व में आएगा। यह नया बाघ अभयारण्य 2829.387 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला होगा और इसे छत्तीसगढ़ के प्रमुख वन क्षेत्रों को एकीकृत करके बनाया गया है। इस निर्णय से बाघों की सुरक्षा और संख्या में सुधार की उम्मीद है, साथ ही यह क्षेत्र इको-टूरिज़्म और स्थानीय रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगा।”

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विनेश फोगाट 100 ग्राम अधिक वजन के चलते प्रतियोगिता से बाहर : पेरिस ओलंपिक 2024

विनेश फोगट को पेरिस ओलंपिक 2024 से अयोग्य घोषित कर दिया गया है, सिर्फ 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण। स्वर्ण पदक मुकाबले के लिए क्वालीफाई कर चुकी विनेश ने वजन श्रेणी में आने के लिए सभी प्रयास किए, लेकिन उनकी उम्मीदों को एक बड़ा झटका लगा है।

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मुख्यमंत्री ने महतारी वंदन हितग्राही को सौंपा पौधा एवं संकुल स्तरीय मेगा पालक-शिक्षक सम्मेलन में हुए सम्मिलित

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बीते विगत् माह 14 जुलाई को दुलदुला से की थी। मुख्यमंत्री श्री साय ने ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान के तहत जशपुर जिले में चल रहे वृहत पौध वितरण अभियान के हितग्राहियों को प्रमाण पत्र भी वितरण किया।

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छत्तीसगढ़ में 2024 की मॉनसून: औसतन 676.7 मिमी वर्षा, बीजापुर में सबसे अधिक और सरगुजा में सबसे कम

बीजापुर जिले में सबसे अधिक 1509.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है।
सरगुजा जिले में सबसे कम 321.9 मिमी औसत वर्षा हुई है।

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पहली बार मुख्यमंत्री ने हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर शिव भक्त कावड़ियों का किया अभिनंदन

कबीरधाम जिले में स्थित बाबा भोरमदेव मंदिर के साथ-साथ, बुढ़ा महादेव और डोंगरिया के जलेश्वर महादेव जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों पर भी हर साल हजारों कावड़ियों द्वारा जलाभिषेक किया जाता है। इस अवसर पर, अमरकंटक से शिव भक्त पदयात्रा कर छत्तीसगढ़ के विभिन्न शिवालयों में जल चढ़ाते हैं।

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