\

सामाजिक समरसता और नारी कल्याण के लिये जीवन समर्पित : डॉ राधा बाई

राधाबाई महाराष्ट्र की रहने वालीं थीं। उनका पूरा जीवन छत्तीसगढ़ में बीता। वे पेशे से नर्स थीं लेकिन अपने पूरे परिवेश में डाक्टर राधाबाई के नाम से प्रसिद्ध थीं। वे 1930 से स्वतंत्रता के लिये किये जाने वाले अहिसंक आँदोलन से जुड़ीं और उन्होंने 1942 तक हर ‘सत्याग्रह’ में भाग लिया एवं जेल गईं।

Read more

संघ जनसंघ और भाजपा के अद्भुत सृजक और शिल्पी : कुशाभाऊ ठाकरे

संपन्नता अर्जित करना उतना कठिन नहीं जितना गुरुत्व प्राप्त करना है। गुरुत्व के लिये साधना लगती है, तपस्चर्या लगती है।

Read more

साहिबजादों के बलिदान की गाथा : वीर बाल दिवस

सनातन संस्कृति, राष्ट्र और परंपराओं की रक्षा केलिये भारत में असंख्य बलिदान हुये हैं। इनमें कुछ परिवारों की तो पीढ़ियों का बलिदान हुआ। इसमें गुरु गोविन्दसिंह की वंश परंपरा भी है जिनकी पीढियों का बलिदान इतिहास पन्नों में दर्ज है। दिसम्बर के अंतिम सप्ताह गुरु गोविन्द सिंह के चारों पुत्रों को दी गई क्रूरतम यातनाएँ और उनका बलिदान का विवरण आज भी रोंगटे खड़े कर देता है।

Read more

राष्ट्र, धर्म और संस्कृति के प्रति समर्पित महामना मदनमोहन मालवीय

मालवीय जी ने प्रयाग में भारती भवन पुस्तकालय, मैकडोनेल यूनिवर्सिटी हिन्दू छात्रालय और मिण्टो पार्क की स्थापना की। हरिद्वार में ऋषिकुल, गौरक्षा, आयुर्वेद सम्मेलन तथा सेवा समिति, स्काउट गाइड तथा सेवा क्षेत्र की अनेक संस्थाओं की  स्थापना की।

Read more

एक राष्ट्रभक्त आर्य संन्यासी स्वामी श्रद्धानंद का बलिदान

आर्यसमाज के प्रखर वेदज्ञ वक्ता, उच्चकोटि के अधिवक्ता, ओजस्वी वक्ता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और क्राँतिकारियों की एक पूरी पीढ़ी तैयार

Read more

छत्ता तेरे राज में, धक-धक धरती होय : 20 दिसम्बर पुण्यतिथि विशेष

भारत के इतिहास में बुंदेलखंड के वीर योद्धा राजा छत्रसाल का नाम अमर है। उनकी पुण्यतिथि पर उनके अद्वितीय साहस,

Read more