राम राज्य स्थापित करना चाहते थे गाँधीजी : 2 अक्टुबर विशेष आलेख
सत्य और अहिंसा के आधार पर राष्ट्र रचना केलिये गाँधीजी ने राम राज्य स्थापित करने की कल्पना की थी वे
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Read moreसमय की तेज रफ्तार से आगे बढ़ता समाज अपने ही बुजुर्गों से कन्नी काटने लगा है। यह समस्या किसी एक देश की नहीं पूरे विश्व की है। इससे वह भारत भी अछूता नहीं रहा जहाँ कुटुम्ब परंपरा रही है। ऋग्वेद से लेकर सभी ग्रंथों में पितरों केलिये प्रार्थना है।
Read moreपेड़ों पर चलती कुल्हाड़ी के बीच लोगों ने अपने आपको सामने कर दिया। पेड़ कटे तो नहीं.. पर पेड़ों को बचाते 363 ग्रामीणों ने अपना जीवन पेड़ों के लिए समर्पित कर दिया। ऐसी दर्दनाक घटना 600 साल पहले राजस्थान के खेजड़ली गांव में घटी। पेड़ों की रक्षा करने के लिए ऐसा अनूठा बलिदान संत गुरु जभ्भोंजी के अनुयायी बिश्नोईयों ने किया था।
Read moreहिन्दी, भारत की राजभाषा होने के साथ-साथ व्यापक रूप से उपयोग में आने वाली भाषा है। इसके साथ ही, विभिन्न क्षेत्रीय भाषाएँ और बोलियाँ भी अस्तित्व में हैं जो भारत के सांस्कृतिक ताने-बाने को समृद्ध करती हैं। हिन्दी और इन लोक भाषाओं और बोलियों का आपसी संबंध अत्यंत गहरा और पुराना है।
Read moreवाराणसी की अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने कहा, ‘मैं जा रहा हूं, लेकिन मैं तब तक वापस नहीं आऊंगा जब तक कि मैं समाज पर बम की तरह फट न सकूं।’ इस अवधि में, स्वामीजी ने एक बार कहा था, ‘मेरे जीवन के अंतिम बारह वर्षों में, मुझे यह नहीं पता था कि अगला भोजन कहाँ से आएगा।’ उन्होंने इस अवधि के दौरान शिकागो में विश्व धर्म संसद के बारे में भी जाना।
Read moreडॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का शिक्षा के क्षेत्र में योगदान अद्वितीय और अतुलनीय है। उन्होंने शिक्षा को केवल जानकारी प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका माना। उनके विचारों और प्रयासों ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को नई दिशा और दृष्टिकोण दिया। वे आज भी एक आदर्श शिक्षक और शिक्षाविद् के रूप में याद किए जाते हैं, जिनका जीवन और कार्य हमें शिक्षा के महत्व को समझने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करता है।
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