विश्व वार्ता

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भारत के पुनः जगद्गुरु बनने के पथ प्रदर्शक स्वामी विवेकानंद

शिकागो (अमेरिका) में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में पहुँचने से पूर्व स्वामीजी को अनगिनत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। तत्पश्चात ११ सितंबर १८९३ के पावन दिवस पर उनके मुख से गुरु रामकृष्ण प्रेरित ऐसी ओजस्वी वाणी गूंजी कि आज भी दुनिया याद करती है।

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महर्षि दयानंद सरस्वती का हिन्दी भाषा की प्रसिद्धि में योगदान

महर्षि दयानंद ने हिन्दी को भारत की विविध भाषाओं और समुदायों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक एकता स्थापित करने का साधन माना। उन्होंने हिन्दी को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन और सामाजिक सुधार के लिए एक प्रभावशाली उपकरण के रूप में प्रस्तुत किया।

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क्या 13 दिसम्बर याद है आपको ?

आतंकवादियों ने गाड़ी की गति बढ़ाई वे तेजी से वे संसद के भीतर घुसना चाहते थे। उनका उद्देश्य सांसदों को बंधक बनाने का था। पर सुरक्षा बलों की सतर्कता और घेरने के प्रयास से उनकी गाड़ी का चालक विचलित हुआ और आतंकवादियों की कार संसद भवन के भीतरी द्वार पर उपराष्ट्रपति की रवानगी के लिये खड़ी कारों की कतार में एक कार से टकरा गई।

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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले कट्टरपंथी आतंक का नया चेहरा

बंगलादेश में शेख हसीना की सरकार पलटने के साथ हिन्दुओं पर हमले आरंभ हो गये थे जो अब चार महीने बाद भी रुकने का नाम नहीं ले रहे। हिन्दुओं  उनके धर्म स्थलों पर लगातार हो रहे इन हमलों में बंगलादेश में सक्रिय सभी आतंकवादी संगठन, सभी इस्लामिक धर्मगुरु और मुस्लिम कट्टरपंथी एकजुट है।

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प्रतिभा पलायन से रिवर्स ब्रेन ड्रेन तक का सफर : भारत का उदय

कनाडा एवं अमेरिका से भारत की ओर रिवर्स ब्रेन ड्रेन की सम्भावना बढ़ती जा रही है। कनाडा में खालिस्तानियों द्वारा चलाए जा रहे भारत विरोधी आंदोलन के चलते वहां निवासरत भारतीयों एवं मंदिरों पर लगातार हमले हो रहे हैं

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विश्व राजनीति में भारत की बढ़ती भूमिका एवं प्रभाव

वर्तमान वैश्विक राजनीति, विशेष रूप से रणनीतिक, आर्थिक और राजनैतिक क्षेत्र में तेजी से बदलाव देख रही है। एक ओर जहां जी-7, जी-20 और नाटो जैसे पारंपरिक गठबंधनों की शक्ति में थोड़ी कमी आई है, वहीं ब्रिक्स जैसे समूह अपनी उपस्थिति मजबूती से दर्ज कर रहे हैं। अमेरिका और यूरोपीय देशों का वर्चस्व लंबे समय से इन वैश्विक संगठनों के माध्यम से कायम रहा है

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