इतिहास

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1857 का क्रूर प्रतिशोध: जब अंग्रेजों ने सिपाही विद्रोह के जवाब में जलाया कानपुर

1857 की क्रांति के दौरान कानपुर और बिठूर में जनरल हैवलॉक और नील द्वारा किए गए नरसंहार की क्रूर गाथा, जब हज़ारों निर्दोष भारतीयों को मौत के घाट उतारा गया और गांव के गांव जला दिए गए।

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मराठा सैन्य परिदृश्य को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया

मराठा सैन्य परिदृश्य, जिसमें महाराष्ट्र और तमिलनाडु के 12 किले शामिल हैं, को 2025 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया, जो मराठा साम्राज्य की सैन्य और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।

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रणथंभौर का त्रिदिवसीय जौहर और शाका : स्वाभिमान की ज्वाला

1301 ई. में रणथंभौर की वीरांगनाओं द्वारा किया गया राजस्थान का पहला ऐतिहासिक जौहर, रानी रंगा देवी और उनकी पुत्री पद्मला के आत्मबलिदान की गाथा, अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण और हमीर देव के शौर्य के प्रसंग के साथ।

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शिवनाथ नदी घाटी के सांस्कृतिक तीर्थ : मदकूद्वीप एवं जोगीद्वीप

मदकूद्वीप शिवनाथ नदी के दो भागो मे बँट जाने से एक द्वीप का रूप लेता है। जोगीद्वीप जमुनिया एवं बंजारी नदी के संगम स्थल होने के कारण एक द्वीप का रूप लेता है। नाम के अनुसार मदकू ऋषि के आश्रम स्थल होने के कारण मदकूद्वीप पड़ा। जोगीद्वीप मे प्राचीन काल से संत महात्माओ एवं जोगियो का निवास होने के कारण यह स्थान जोगीद्वीप पड़ा। मदकूद्वीप के उत्खनन से मंदिरो के अवशेष प्राप्त हुए । जोगीद्वीप और गुर्रा ग्राम से प्राप्त प्राचीन प्रतिमाओ एवं स्थापत्य खंडो के आधार पर इस स्थल पर भी विपुल पुरासंपदा भूगर्भ मे समाहित है ऐसा प्रतीत होता है।

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भारत की कालजयी सांस्कृतिक धरोहर : सरगुजा का रामगढ़

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित रामगढ़ न केवल इस अंचल का प्राचीनतम स्थल है, बल्कि यह भारतीय सांस्कृतिक विरासत की एक अनमोल धरोहर भी है।

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भोपाल का स्वाधीनता संघर्ष भारत की आजादी के बाद भी जारी रहा

भोपाल का स्वाधीनता संघर्ष न केवल नबाबी शासन के खिलाफ एक लंबी लड़ाई थी, बल्कि यह भारतीय गणतंत्र के निर्माण में एक महत्वपूर्ण अध्याय भी है। यह संघर्ष सशस्त्र विद्रोह से लेकर अहिंसक जन आन्दोलनों तक, बलिदानों और दृढ़ संकल्प की कहानी है।

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