भावनाओं का प्रभाव और महत्व : मनकही
शुद्ध भावनाओं से प्रेरित कार्य समाज और व्यक्ति दोनों के लिए हितकारी होते हैं। जीवन को सार्थक और सुखमय बनाने के लिए हमें अपनी भावनाओं को शुद्ध और सकारात्मक रखना चाहिए।
Read moreशुद्ध भावनाओं से प्रेरित कार्य समाज और व्यक्ति दोनों के लिए हितकारी होते हैं। जीवन को सार्थक और सुखमय बनाने के लिए हमें अपनी भावनाओं को शुद्ध और सकारात्मक रखना चाहिए।
Read moreसुसंगति से अच्छे कार्य की प्रेरणा मिलेगी जो प्रत्येक क्षण कुछ अच्छा करने का संबल प्रदान करती है। फलस्वरूप आप सफलता की एक एक सीधी चढ़ते चले जाते हैं। परिवार समाज और देश मे प्रतिष्ठित होकर सबके आदर्श भी बनते हैं।
Read moreकहा जाता है कि गुरु घासीदास के आध्यात्मिक जागरण आंदोलन में बड़ी संख्या में साहू, यादव, मरार, लोहार सहित लगभग 75 जातियों के लोग जुड़े थे। ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार “गुरु घासीदास सामाजिक समरसता के अग्रदूत थे और उन्होंने अनेक जातियों को एकरस बना दिया था
Read moreकहानी के दोनों पात्रों के व्यवहार से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में सफलता के लिए आत्मचिंतन और परिस्थितियों के प्रति सजगता आवश्यक है। कछुआ हमें सिखाता है कि अपनी अंतरात्मा से जुड़े रहकर और बाहरी परिस्थितियों का अवलोकन करते हुए कर्मपथ पर निरंतर चलते रहने से सफलता निश्चित है।
Read moreमानव जीवन में ईश्वर की अवधारणा सदियों से रही है, परंतु इसका वास्तविक स्वरूप क्या है? यह आलेख इस गहन प्रश्न पर एक नवीन दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। यहाँ हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि ईश्वर कोई बाहरी सत्ता नहीं, बल्कि हमारे भीतर निहित शक्ति का प्रतिबिंब है।
Read moreमानव जीवन की यात्रा माँ के गर्भ से आरंभ होती है और जन्म के पश्चात इस लोक में आकर प्राणी जीवन की यात्रा सांसारिकता एवं संघर्ष के साथ ईश्वर द्वारा प्रदत्त सांसों के तारतम्य में जन्म से मृत्यु तक चलायमान रहती है। बस और रेल की यात्रा सभी करते हैं। परन्तु इन दोनों की यात्राओं में बहुत अंतर है।
Read more