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लूट, विध्वंस और पुनर्निर्माण का संघर्षमय इतिहास : सोमनाथ मंदिर

सोमनाथ मंदिर में लूट और विध्वंस की यह घटना 8 जनवरी 1026 की है। उस दिन लुटेरे मेहमूद गजनवी और उसकी फौज ने केवल संपत्ति लूटकर सोमनाथ मंदिर का विध्वंस नहीं किया था बल्कि वहां उपस्थित एक भी व्यक्ति को जीवित नहीं छोड़ा था। वह या तो उन्हें मार गया था या उन्हें बंदी बनाकर अपने साथ ले गया था। यही हाल स्त्रियों का किया था।

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भारत के वैश्विक आर्थिक उत्थान में भारतीय मूल के नागरिकों की भूमिका

आज तक भारतीय मूल के इन नागरिकों द्वारा एक लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि भारत में भेजी गई है। भारत के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के संग्रहण में यह राशि बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है।

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सामाजिक सहायता से आर्थिक समृद्धि तक हिंदू सनातन संस्कृति का योगदान

समाज में गरीब वर्ग के अन्य नागरिकों के लिए कोई चिंता का भाव दिखाई ही नहीं देता है। अतः भारत में समाज के नागरिकों द्वारा गरीब वर्ग के सहायतार्थ चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को गति देने के प्रयास करने चाहिए, जिससे देश के विकास को और अधिक गति मिल सके।

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सांस्कृतिक संगठनों के नेतृत्व में स्वच्छता अभियान को दी जा सकती है गति

भारत में कचरे का मुख्य निपटान लैंडफिल साइटों पर किया जाता है, लेकिन यहां कचरे की सॉर्टिंग का अभाव है। अधिकांश कचरे को बिना छांटे सीधे लैंडफिल में डाला जाता है, जिससे पुनर्चक्रण की प्रक्रिया प्रभावित होती है। इसके अलावा, लैंडफिल साइट्स पर कचरे का उचित प्रबंधन नहीं किया जाता और इसका प्रदूषण मिट्टी और जल स्रोतों तक फैलता है।

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भाजपा को सत्ता दूर करने के लिये उलेमा बोर्ड, 180 एनजीओ और छद्म सेकुलरी मैदान में

भारत के विभाजन, लाखों लोगों के बलिदान और करोड़ों लोगों के बेघर होने के बाद भी नहीं रुका। इसमें तीन प्रकार की शक्तियाँ काम कर रहीं हैं। एक वे मुस्लिम कट्टरपंथी जो मुस्लिम समाज को राष्ट्र की मूल धारा से अलग और आक्रामक बनाये रखना चाहते हैं।

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विवेकानंद शिला स्मारक और माननीय एकनाथ रानाडे जी

माननीय एकनाथ रानाडे जी का व्यक्तित्व अविस्मरणीय है। स्वामी विवेकानंद जी के जीवन की प्रासंगिकता वर्तमान समय में भी बरकरार रखने में एकनाथ जी का बड़ा योगदान रहा है। साहित्य से लेकर स्मारक तक, स्मारक से संगठन तक की स्थापना करने में एकनाथ जी ने अपना संपूर्ण जीवन लगा दिया।

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