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जिले की मतदाता सूची होगी पूरी तरह साफ-सुथरी, 3.65 लाख संदिग्ध नामों की विलोपन प्रक्रिया शुरू

जिले की मतदाता सूची में बड़ी सफाई अभियान शुरू हो गई है। प्रशासन की ताजा एसआईआर रिपोर्ट के अनुसार जिले की मतदाता सूची में 3 लाख 65 हजार से अधिक ऐसे नाम पाए गए हैं, जिन्हें विलोपन की श्रेणी में रखा गया है। 18 दिसंबर तक हुई जांच में मृतक और शहर छोड़ चुके लोगों के नाम मतदाता सूची में दर्ज पाए गए, जिन्हें हटाने की तैयारी की जा रही है।

जिला निर्वाचन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के कुल 16.75 लाख मतदाताओं में से 13.09 लाख नाम अब तक सत्यापित हो पाए हैं। शेष नामों में बड़ी संख्या में बोगस या अपात्र मतदाता शामिल हैं।

मुख्य खुलासे और चुनौती
सर्वे के दौरान यह सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती थी कि मतदाता अपने पते पर रहते हैं या नहीं। जांच में पता चला कि 1 लाख 4 हजार से अधिक लोग लापता हैं, जबकि 1.70 लाख लोग स्थायी रूप से अन्य जगह शिफ्ट हो चुके हैं, पर उनके नाम अभी भी पुराने पते पर दर्ज हैं। इसके अलावा मृतक मतदाताओं की संख्या 71,752 है, जिन्हें सूची से हटाया जाएगा।

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विधानसभा क्षेत्रवार स्थिति
बिलासपुर शहरी क्षेत्र में सबसे अधिक गड़बड़ी पाई गई है, यहां की मतदाता सूची में लगभग 35 प्रतिशत नाम संदिग्ध हैं। इसके विपरीत, कोटा विधानसभा क्षेत्र की सूची सबसे बेहतर स्थिति में है। प्रशासन ने कहा है कि बीएलओ के माध्यम से घर-घर सत्यापन के बाद फर्जी वोटिंग की संभावनाएं पूरी तरह समाप्त कर दी जाएंगी।

अभियान की समय-सीमा
मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान की महत्ता को देखते हुए समय-सीमा दो बार बढ़ाई गई। प्रारंभ में 4 दिसंबर तय की गई थी, फिर इसे 11 दिसंबर और अंततः 18 दिसंबर तक बढ़ाया गया, ताकि सभी मतदाताओं का सत्यापन सुनिश्चित किया जा सके।

एसआईआर रिपोर्ट की प्रमुख जानकारी:

  • मृत मतदाता: 71,752 (हटाए जाएंगे)

  • लापता/एब्सेंट मतदाता: 1,04,200

  • शिफ्टेड मतदाता: 1,70,019

  • कुल संदिग्ध नाम: 3,65,869 (विलोपन की तैयारी)

इस अभियान के पूरा होने के बाद जिले की मतदाता सूची पूरी तरह से त्रुटिहीन और सत्यापित होगी, जिससे भविष्य में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किए जा सकेंगे।

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