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बीजापुर में नक्सलियों ने निर्ममता से की दो शिक्षादूतों की हत्या

बीजापुर, 16 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ के अतिसंवेदनशील फ़रसेगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत नक्सलियों ने दो शिक्षादूतों की बेरहमी से हत्या कर दी। मृतकों में एक शिक्षक और एक कंप्यूटर ऑपरेटर शामिल हैं, जो शिक्षा विभाग के नवाचारी कार्यों में लगे हुए थे। इन पर नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर होने का आरोप लगाया था।

मंगलवार की सुबह दोनों के शव पीलूर गांव के पास जंगल में बरामद किए गए। मृतकों की पहचान पीलूर निवासी विनोद मड़े और टेकमेट्टा निवासी सुरेश मेट्टा के रूप में हुई है। बताया गया कि दोनों शिक्षादूतों को सोमवार देर रात घर से उठाया गया और जंगल ले जाकर गोली मार दी गई। शव को गांव से कुछ ही दूरी पर फेंक दिया गया।

गांव में भय का माहौल
घटना के बाद क्षेत्र में भारी दहशत का माहौल है। नक्सलियों की इस हरकत की प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर तीखी निंदा की जा रही है।

सीनियर अधिकारियों की प्रतिक्रिया
बासागुड़ा थाना पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और पूरे मामले की जांच प्रारंभ कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

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दंतेवाड़ा रहा सबसे बड़ा नुकसानग्रस्त
नक्सली पर्चे के मुताबिक, बीते साल जुलाई 2024 से जून 2025 तक दंडकारण्य क्षेत्र में 281 माओवादी मारे गए। इनमें से 269 मुठभेड़ में मारे गए जबकि 12 ने आत्महत्या की। सबसे अधिक नुकसान दक्षिण बस्तर के जिलों में हुआ है।

यह दोहरी घटना, जिसमें शिक्षा से जुड़े दो निर्दोष कर्मियों की जान गई है, न केवल मानवता को शर्मसार करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि अब नक्सली हिंसा में सामाजिक कार्यकर्ता और सेवा भाव से जुड़े लोग भी सुरक्षित नहीं हैं। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन चुकी है।