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बिहार विधानसभा चुनाव: एग्जिट पोल के पूर्व पिछले चुनावों की यादें

बिहार में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान मंगलवार शाम को समाप्त होते ही सबकी नजरें एग्जिट पोल की ओर हैं। पिछले चुनावों के अनुभव बताते हैं कि एग्जिट पोल हमेशा सही नहीं साबित होते।

2020 का चुनाव
2020 में 11 प्रमुख एग्जिट पोल्स के औसत ने आरजेडी-नेतृत्व वाली महागठबंधन के लिए संकरे बहुमत की भविष्यवाणी की थी। औसतन 125 सीटें बताई गईं, जो आधे 243 सदस्यों वाले विधानसभा में 122 की संख्या से थोड़ी अधिक थीं, जबकि जेडीयू-नेतृत्व वाली NDA के लिए 108 सीटों का अनुमान लगाया गया था।

परिणाम अलग निकले – NDA ने केवल संकरे अंतर से बहुमत हासिल किया और 125 सीटें जीतीं, जबकि महागठबंधन 110 सीटों पर ही सिमट गया। उस समय विभाजित LJP स्वतंत्र रूप से चुनाव में उतरी थी, जबकि Mukesh Sahani की VIP, जो अब विपक्ष में है, NDA के साथ थी।

औसतन, 11 एग्जिट पोल्स ने NDA को 17 सीटों से कम और महागठबंधन को 15 सीटों से अधिक आंका। Patriotic Voter, P-Marq और ABP News-CVoter ने सबसे नज़दीकी भविष्यवाणी की, जबकि News18-Today’s Chanakya सबसे गलत साबित हुआ।

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2015 का चुनाव
2015 में RJD और JDU ने कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया था। NDA उस चुनाव में BJP के नेतृत्व में LJP, RSP (अब RLM) और Jitan Ram Manjhi की HAM (Secular) के साथ थी।

6 प्रमुख एग्जिट पोल्स के औसत ने महागठबंधन के संकरे बहुमत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन वास्तविक परिणाम महागठबंधन के लिए जबरदस्त रहे – गठबंधन ने 178 सीटें जीतकर भारी बहुमत हासिल किया, जबकि NDA को केवल 58 सीटें मिलीं। उस समय भी कई पोल्स गलत साबित हुए; औसतन, महागठबंधन की ताकत को 55 सीटों से कम और NDA की शक्ति को 56 सीटों से अधिक आंका गया।

CNN IBN-Axis पोल ने सबसे नज़दीकी अनुमान लगाया था, जिसमें महागठबंधन को 176 सीटें और NDA को 64 सीटें बताई गई थीं।

हालांकि, 2015 में गठबंधन ने शानदार जीत हासिल की थी, फिर भी 2017 में JDU ने NDA के साथ सरकार बनाने के लिए गठबंधन तोड़ दिया और नीतीश कुमार ने BJP के साथ नई सरकार बनाई।

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इस पृष्ठभूमि के साथ, बिहार के मतदाताओं और राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें अब आने वाले एग्जिट पोल पर टिकी हैं, जो अगले परिणाम का संकेत देंगे।