बिहार में लोकतंत्र का उत्सव: पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान, 64.66% वोटिंग के साथ 1951 के बाद सबसे ऊँचा आंकड़ा
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण को “अब तक का सबसे स्वच्छ और पारदर्शी मतदान” बताते हुए कहा कि इस बार राज्य ने देश के सामने एक नया उदाहरण पेश किया है।
गुरुवार को 18 जिलों की 121 सीटों पर हुए मतदान में 64.66% की रिकॉर्ड वोटिंग दर्ज की गई — जो 2020 के विधानसभा चुनाव (57.29%) की तुलना में लगभग सात प्रतिशत अधिक है।
ज्ञानेश कुमार ने कहा, “बिहार ने साबित किया है कि जब मतदाता और प्रशासन दोनों मिलकर काम करें तो लोकतंत्र और सशक्त होता है। इस बार ‘विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR)’ बिना किसी अपील के पूरा हुआ और हमें अब तक की ‘सबसे शुद्ध मतदाता सूची’ मिली है।”
मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ी, व्यवस्था बेहतर
इस बार चुनाव आयोग ने प्रत्येक बूथ पर अधिकतम मतदाताओं की सीमा 1,500 से घटाकर 1,200 कर दी, जिससे बूथों की संख्या बढ़ी और भीड़ प्रबंधन आसान हुआ। हालांकि, कुछ मतदाताओं को अपने नए मतदान केंद्र खोजने में हल्की परेशानी का सामना करना पड़ा।
जैसे बैंकिपुर के निवासी सौरव कुमार ने बताया, “पिछली दो बार मैंने एक ही कॉलेज के बूथ पर वोट डाला था। इस बार नाम नहीं मिलने पर लगा शायद सूची से नाम कट गया हो। बाद में ऑनलाइन जांच कर सही बूथ पता चला।”
मतदाताओं की बदली प्राथमिकताएँ
राजधानी पटना के मतदाताओं की प्राथमिकताएँ इस बार काफ़ी विविध दिखीं।
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दिघा के उमेश प्रसाद (55) ने कहा, “मैंने जाति नहीं, काम देखा। स्थायी बिजली और सुशासन चाहिए।”
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वहीं, 21 वर्षीय विशाल कुमार के लिए रोजगार सबसे अहम मुद्दा रहा।
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किरण कुमारी (23) ने कहा, “महिलाओं की सुरक्षा सबसे बड़ी ज़रूरत है। जब सड़कें सुरक्षित होंगी तभी हम सपने पूरे कर पाएँगी।”
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वरिष्ठ नागरिक अजय कुमार सिंह ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की माँग की, जबकि दीपक साव ने साफ-सफाई और सड़कों की स्थिति सुधारने पर ज़ोर दिया।
शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित मतदान
बिहार पुलिस मुख्यालय के अनुसार, पूरे राज्य में मतदान शांति से सम्पन्न हुआ। किसी भी जिले से बड़ी हिंसा या गड़बड़ी की रिपोर्ट नहीं आई।
सुरक्षा व्यवस्था के लिए
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1,500 कंपनियाँ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की,
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50 कंपनियाँ बिहार सैन्य पुलिस की, और
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45,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात थे।
इसके अलावा, ड्रोन, नाव, घुड़सवार दल और सैटेलाइट फोन का भी प्रयोग हुआ। सभी 45,341 बूथों पर लाइव वेबकास्टिंग की गई — जो बिहार में पहली बार हुआ।
सीमावर्ती क्षेत्रों में 459 चेकपोस्ट बनाकर झारखंड, यूपी, बंगाल और नेपाल की सीमाएँ मतदान से 48 घंटे पहले सील कर दी गईं। चुनाव से पहले 3 लाख लीटर शराब, 19 करोड़ रुपये से अधिक के मादक पदार्थ, और नकदी व अन्य वस्तुएँ ज़ब्त की गईं।
लखीसराय में हल्का तनाव
दिन भर मतदान शांतिपूर्ण रहा, लेकिन लखीसराय में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और राजद एमएलसी अजय कुमार के समर्थकों में झड़प हो गई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए, पर पुलिस ने तुरंत स्थिति संभाल ली और मतदान फिर से शुरू हुआ।
नई सुविधाएँ और तकनीकी बदलाव
इस बार ईवीएम पर उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें लगाई गईं ताकि मतदाताओं को पहचानने में आसानी हो।
हर बूथ पर मोबाइल रखने की अस्थायी सुविधा, नए डिजाइन की वोटर स्लिप, और वरिष्ठ नागरिकों व दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर और ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई।
जीविका समूह की 90,000 से अधिक महिला सदस्यों को भी मतदाता सहयोग के लिए तैनात किया गया।
अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की सराहना
इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, थाईलैंड, बेल्जियम और कोलंबिया सहित छह देशों से आए 16 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने मतदान प्रक्रिया को “पारदर्शी, शांतिपूर्ण और उदाहरणीय” बताया।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, “यह बिहार के लोगों की जीत है। इतना ऊँचा मतदान और अनुशासित प्रक्रिया बताती है कि लोकतंत्र यहाँ सच में एक उत्सव है।”
अब दूसरे चरण में 122 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि गिनती 14 नवंबर को की जाएगी।

