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सीबीआई कोर्ट ने भूपेश बघेल को 2017 सीडी कांड में बरी किया

सीबीआई कोर्ट ने भूपेश बघेल को 2017 सेक्स सीडी मामले में बरी किया

रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल को 2017 में सामने आए सेक्स सीडी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बरी कर दिया। अदालत ने बघेल के खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि आरोप पत्र में आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं।

अदालत के इस फैसले पर बघेल ने खुशी जताते हुए “सत्यमेव जयते” (सिर्फ सत्य की विजय होती है) लिखकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने अपनी बरी होने की याचिका में यह दावा किया था कि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है, और अदालत ने इसे स्वीकार किया।

यह मामला अक्टूबर 2017 में शुरू हुआ था, जब एक सेक्स सीडी का विवाद सामने आया था, जिसमें भाजपा के तत्कालीन मंत्री राजेश मुनात के कथित तौर पर शामिल होने का आरोप था। इस मामले में बघेल के करीबी सहयोगी विनोद वर्मा की गिरफ्तारी हुई थी, जिन्होंने दावा किया था कि उनके पास इस तरह की एक सीडी थी। इसके बाद, मुनात ने बघेल और वर्मा के खिलाफ झूठी सीडी फैलाने का आरोप लगाया।

सीबीआई ने मामले की जांच करते हुए 2018 में बघेल और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, जिसमें जालसाजी और मानहानि के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, अदालत ने यह मानते हुए कि आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं, बघेल को बरी कर दिया।

बघेल के बरी होने पर कांग्रेस नेताओं ने भी खुशी जाहिर की और इसे सत्य की जीत बताया। 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद, बघेल को मुख्यमंत्री बनाया गया था, और भाजपा ने इस सीडी मामले को चुनावी मुद्दा बनाया था।

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