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महादेव सट्टा ऐप केस: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया मामला

छह दिन पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निजी और आधिकारिक आवासों पर छापेमारी करने के बाद, सीबीआई ने मंगलवार को पुष्टि की कि बघेल को महादेव सट्टा ऐप मामले में आरोपी बनाया गया है।

भूपेश बघेल पर पहली बार मार्च 2023 में छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा मामला दर्ज किया गया था। कांग्रेस पार्टी, जो उस समय राज्य में सत्ता में थी, ने भाजपा सरकार पर इस मामले की धीमी जांच को लेकर सवाल उठाए थे। अगस्त 2023 में, इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया गया, जिसने आधिकारिक रूप से एफआईआर दर्ज की। हालांकि, एफआईआर के विवरण सार्वजनिक नहीं किए गए थे।

18 अन्य आरोपियों के नाम शामिल सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में भूपेश बघेल के अलावा 18 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है, साथ ही कुछ अज्ञात लोगों के नाम भी शामिल हैं। यह मामला बघेल सरकार के कार्यकाल के दौरान सामने आया था और कांग्रेस व भाजपा के बीच तीखी राजनीतिक बयानबाजी का कारण बना। दोनों दल एक-दूसरे पर इस घोटाले के मुख्य आरोपियों, सौरभ चंद्राकर और उनके कथित सहयोगी रवि उप्पल को बचाने का आरोप लगाते रहे हैं।

मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी और धनशोधन की जांच सीबीआई ने अक्टूबर 2023 में महादेव ऐप के मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर को गिरफ्तार किया था। इससे पहले, 1 जनवरी 2023 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत रायपुर की एक विशेष अदालत में एक पूरक अभियोजन शिकायत (PC) दायर की थी। इसमें महादेव ऑनलाइन बुक के प्रमोटर शुभम सोनी और उनके चालक असीम दास सहित पांच लोगों को आरोपी बनाया गया था।

अभियोजन शिकायत के अनुसार, असीम दास ने ईडी को बताया कि शुभम सोनी ने उसे 5.39 करोड़ रुपये नकद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पहुंचाने का निर्देश दिया था, ताकि महादेव ऐप से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी रोकी जा सके।

इस मामले में अब सीबीआई द्वारा जांच तेज कर दी गई है और सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

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