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ओला-उबर को टक्कर देगी सरकारी कैब ‘भारत टैक्सी’, ड्राइवरों को मिलेगी हर राइड की पूरी कमाई

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर। देश में पहली बार सरकारी स्तर पर एक ऐसी पहल की जा रही है जो निजी राइड-शेयरिंग कंपनियों — ओला और उबर — को सीधी चुनौती देगी। केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से विकसित की गई यह सेवा ‘भारत टैक्सी’ नवंबर 2025 से दिल्ली में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होने जा रही है। इस सेवा की सबसे बड़ी विशेषता यह होगी कि इसमें ड्राइवरों को हर राइड की 100% कमाई मिलेगी और किसी प्रकार का 20–25 प्रतिशत कमीशन नहीं देना होगा।

ड्राइवरों को पूरा फायदा, कमीशन खत्म

भारत टैक्सी प्लेटफॉर्म पर ड्राइवरों को उनकी हर राइड की पूरी कमाई सीधे बैंक खाते में मिलेगी। उन्हें केवल एक नाममात्र का दैनिक, साप्ताहिक या मासिक मेंटेनेंस शुल्क देना होगा, जिससे सिस्टम का संचालन और ऐप अपडेट होता रहे।
इस पहल का उद्देश्य उन हजारों ड्राइवरों को राहत देना है जो मौजूदा निजी ऐप्स द्वारा लिए जाने वाले ऊंचे कमीशन से परेशान रहते हैं।

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तेजी से विस्तार की तैयारी

दिल्ली में सफल परीक्षण के बाद इस योजना को चरणबद्ध रूप से देश के अन्य प्रमुख शहरों तक विस्तारित किया जाएगा।

  • 2026 तक: पुणे, भोपाल, मुंबई समेत 10 शहरों में विस्तार।

  • 2027–28 तक: 20 शहरों में 50 हजार टैक्सियाँ जोड़ी जाएँगी।

  • 2028–2030 तक: देश के सभी प्रमुख महानगरों, पर्यटन व औद्योगिक नगरों में सेवा शुरू करने का लक्ष्य है।

एनपीए और ऐप दोनों होंगे सुरक्षित

भारत टैक्सी ऐप को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने विकसित किया है। ऐप में ड्राइवर और ग्राहक दोनों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। हर राइड ट्रैकिंग सिस्टम से जुड़ी होगी और भुगतान भारत बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) के माध्यम से होगा। यात्रियों के लिए डिजिटल पेमेंट, ट्रिप शेयरिंग और इमरजेंसी बटन जैसी सुविधाएँ भी रहेंगी।

सरकार का उद्देश्य — ‘आत्मनिर्भर परिवहन प्रणाली’

भारत टैक्सी परियोजना का लक्ष्य न केवल ड्राइवरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि देश में एक आत्मनिर्भर डिजिटल परिवहन प्लेटफॉर्म तैयार करना भी है।
इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत टैक्सी का मॉडल ‘ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC)’ की तर्ज पर बनाया गया है ताकि यह निष्पक्ष, पारदर्शी और भारतीय स्वामित्व वाला मंच बन सके।

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उम्मीद और प्रभाव

भारत टैक्सी की शुरुआत से ओला और उबर जैसी निजी कंपनियों के एकाधिकार को चुनौती मिलेगी। ड्राइवरों को उचित आमदनी और यात्रियों को सस्ती दर पर यात्रा सुविधा मिलेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि यह मॉडल सफल होता है तो अगले पांच वर्षों में देश के शहरी परिवहन क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।