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भारत और ईरान के विदेश मंत्री ने की फोन पर बातचीत, क्षेत्रीय तनाव और भारतीय नागरिकों के सुरक्षित निकास पर चर्चा

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शुक्रवार को ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची से फोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने हाल ही में ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन चले संघर्ष के बाद की स्थिति और क्षेत्रीय शांति बहाली के लिए आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया।

डॉ. जयशंकर ने इस दौरान ईरान सरकार का धन्यवाद भी किया कि उन्होंने वहां फंसे सैकड़ों भारतीय नागरिकों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने में मदद की।

अपने सोशल मीडिया पोस्ट में जयशंकर ने लिखा, “आज दोपहर ईरान के विदेश मंत्री से बातचीत की। उन्होंने वर्तमान जटिल परिस्थिति में ईरान का दृष्टिकोण साझा किया, जिसके लिए मैं उनका आभारी हूं। साथ ही, भारतीय नागरिकों के सुरक्षित निकास में उनकी सहायता के लिए भी धन्यवाद।”

अमेरिका के हमलों के बाद बढ़ा तनाव, फिर आया सीजफायर

ईरान और इजरायल के बीच तनाव तब और बढ़ गया था, जब रविवार की सुबह अमेरिकी सेना ने ईरान के तीन परमाणु स्थलों को हवाई हमलों में निशाना बनाया। इसके बाद दोनों देशों के बीच 12 दिनों तक हिंसक टकराव जारी रहा।

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मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दोनों पक्षों के बीच एक सीजफायर की घोषणा की, जो फिलहाल बनी हुई है।

भारत ने जारी रखी सतर्क निगरानी, कूटनीति को बताया समाधान

भारत ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) से प्राप्त रिपोर्टों पर कड़ी नजर बनाए रखी है, जिसमें बताया गया है कि निशाना बनाए गए परमाणु स्थलों पर रेडिएशन स्तर सीमित है और नुकसान नियंत्रण में है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने गुरुवार को कहा कि एजेंसी की जांच में पता चला है कि प्रभावित स्थलों में या तो कोई परमाणु सामग्री नहीं मिली या फिर केवल प्राकृतिक या कम समृद्ध यूरेनियम था।

उन्होंने कहा, “भारत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता जल्द से जल्द बहाल करने के लिए कूटनीति और संवाद को ही एकमात्र रास्ता मानता है।”

क्षेत्रीय शांति के लिए भारत का जोरदार समर्थन

भारत ने मंगलवार को ईरान और इजरायल के बीच घोषित सीजफायर का स्वागत करते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। भारत की चिंता पश्चिम एशिया में स्थिरता और सुरक्षा की है, जो कि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए बेहद आवश्यक है।

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