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लाल किले से पीएम मोदी का संदेश: “बस्तर अब हिंसा नहीं, खेल और प्रगति का प्रतीक”

रायपुर, 15 अगस्त 2025 — 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की ऐतिहासिक प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ के बस्तर का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब बस्तर का नाम आते ही लोगों के मन में नक्सलवाद और हिंसा की छवि उभरती थी, लेकिन आज यह तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है।

प्रधानमंत्री ने गर्व के साथ कहा कि अब बस्तर के युवा बंदूक़ की जगह खेलों का चयन कर रहे हैं। बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजन न केवल युवाओं की खेल प्रतिभा को मंच दे रहे हैं, बल्कि उनकी ऊर्जा और उत्साह को सकारात्मक दिशा में मोड़ रहे हैं। उन्होंने इस बदलाव को सुरक्षा, विकास और जनसहभागिता के संयुक्त प्रयासों का परिणाम बताया।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने देश में नक्सलवाद की घटती स्थिति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक समय देश के कई हिस्से नक्सलवाद की गंभीर समस्या से जूझ रहे थे, जहाँ हिंसा और भय के माहौल ने दशकों तक विकास को रोक रखा था। लेकिन अब परिस्थितियाँ पूरी तरह बदल गई हैं—पिछले 11 वर्षों में नक्सलवाद 125 से अधिक जिलों से घटकर मात्र 20 जिलों तक सीमित हो गया है।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बस्तर में खेलकूद, शिक्षा, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर लगातार बढ़ रहे हैं। यह परिवर्तन न केवल स्थानीय युवाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है, बल्कि पूरे क्षेत्र को शांति और प्रगति की दिशा में आगे बढ़ा रहा है।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बस्तर की यह नई पहचान आने वाली पीढ़ियों के लिए गौरव और प्रेरणा का स्रोत बनेगी, और यह इलाका अब हिंसा नहीं बल्कि विकास, शांति और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक रहेगा।