बस्तर संभाग में 1611 शालाओं का युक्तियुक्तकरण : शिक्षा में सुधार की दिशा में पहल
रायपुर, 02 जून 2025/ राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत शिक्षा व्यवस्था को समावेशी और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस क्रम में बस्तर संभाग के सात जिलों में कुल 1611 शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इस पहल से शिक्षा की गुणवत्ता, संसाधनों की उपलब्धता और शैक्षणिक वातावरण में सुधार की अपेक्षा की जा रही है।
संभाग के संयुक्त संचालक, शिक्षा से प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तर, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और सुकमा जिलों में उन शालाओं की पहचान की गई, जहाँ छात्र संख्या बहुत कम है या एक ही परिसर/निकट में एक से अधिक शालाएं संचालित हो रही हैं। ऐसी शालाओं को समेकित कर बेहतर सुविधाओं से सुसज्जित विद्यालयों में बदला जा रहा है।
जिलावार युक्तियुक्तकरण का विवरण इस प्रकार है:
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बस्तर: 274 शालाएं
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बीजापुर: 65 शालाएं
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कोंडागांव: 394 शालाएं
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नारायणपुर: 80 शालाएं
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दंतेवाड़ा: 76 शालाएं
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कांकेर: 584 शालाएं
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सुकमा: 138 शालाएं
इस प्रक्रिया से एकल शिक्षकीय और शिक्षक विहीन शालाओं में अतिरिक्त शिक्षकों की पदस्थापना संभव हो सकेगी। साथ ही छात्र-छात्राओं को पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला, कंप्यूटर लैब और खेल सामग्री जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी।
संयुक्त संचालक ने बताया कि एकीकृत शालाओं में एक ही परिसर में शिक्षण से विद्यार्थियों की उपस्थिति दर में वृद्धि और ड्रॉपआउट दर में कमी की संभावना है। प्रशासनिक खर्च में भी कमी आएगी और उस बचत का उपयोग शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने में किया जाएगा।
यह पूरी प्रक्रिया नियोजित और चरणबद्ध रूप से संचालित की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य है – बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना और विद्यालय परिसरों को संसाधनयुक्त बनाना। बस्तर संभाग में चल रही यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम मानी जा रही है, जिससे हजारों विद्यार्थियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। यह छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई शैक्षणिक पहचान देने की दिशा में सार्थक प्रयास है।