futuredछत्तीसगढ

बाढ़ पीड़ितों को राशन-ईलाज के साथ अब जरूरी दस्तावेज बनाने का काम भी शुरू : मुख्यमंत्री साय के निर्देश पर त्वरित अमल

रायपुर, 04 सितम्बर 2025/ बस्तर संभाग में पिछले सप्ताह हुई अतिवृष्टि ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया था। विदेश दौरे से लौटने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दंतेवाड़ा पहुंचे और संभागीय बैठक में जिला कलेक्टरों को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देशों का असर अब जमीनी स्तर पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है।

बाढ़ प्रभावित नागरिकों को न केवल राशन, इलाज और दवाइयाँ उपलब्ध कराई जा रही हैं, बल्कि गैस चूल्हे और सिलेंडर भी वितरित किए गए हैं। राहत शिविरों में उनके दैनिक जीवन की सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ की गई हैं। जैसे-जैसे पानी उतर रहा है, नुकसान का वास्तविक आकलन और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया को भी गति दी जा रही है। जिन नागरिकों के महत्वपूर्ण दस्तावेज बाढ़ में बह गए या नष्ट हो गए, उनके दस्तावेज़ तैयार करने का काम राजस्व विभाग ने प्रारंभ कर दिया है।

सरकार ने इस भीषण आपदा में संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई का परिचय दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रशासन ने राहत कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाते हुए पीड़ित परिवारों को तात्कालिक सहायता और मुआवजा उपलब्ध कराया है।

See also  लोकपरंपराएं एवं संस्कृति समाज को जोड़ने का बेहतर माध्यम : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

बाढ़ से प्रभावित गांवों में राहत दल निरंतर सक्रिय हैं। बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा तहसील के मांदर गांव के प्रभावित किसानों को राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा किसान किताब वितरित की गई है, जो बाढ़ में बह गई थी। किसान किताब मिलने से किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने और भविष्य में सहायता प्राप्त करने में आसानी होगी। इसके साथ ही नवीन राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड और बैंक पासबुक भी प्रभावितों को तैयार कर प्रदान किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन की टीमें नुकसान का आकलन करने घर-घर सर्वे कर रही हैं और पात्र परिवारों को तत्काल राहत राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर कर रही हैं।

सरकार का विशेष ध्यान इस बात पर है कि कोई भी पीड़ित परिवार अपनी जरूरत के समय अकेला न रहे। मकान क्षति के साथ-साथ पशुधन, फसल और घरेलू सामग्री की क्षति का भी विस्तृत ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने पर जोर है ताकि मुआवजा राशि समय पर और सीधे जरूरतमंदों तक पहुँच सके।

See also  ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट: अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के वीर जवानों को किया सम्मानित, नक्सलवाद के खिलाफ ऐतिहासिक जीत

स्थानीय प्रभावित परिवारों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है। एक ग्रामीण मुरहा पटेल ने कहा—“हमें लगा था कि बाढ़ के बाद सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन सरकार की त्वरित मदद ने हमें जीवन को नए सिरे से शुरू करने की उम्मीद दी है।”

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिला प्रशासन की यह पहल न केवल राहत कार्य बल्कि पुनर्वास और भविष्य की सुरक्षा की दिशा में भी एक मजबूत और मानवीय कदम साबित हो रही है। इन प्रयासों से बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक और मानसिक दोनों स्तरों पर सहारा मिल रहा है, जिससे वे धीरे-धीरे अपने जीवन को सामान्य पटरी पर लाने में सफल हो रहे हैं।