विकसित बस्तर की ओर” – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कृषि विकास को बताया क्षेत्र के समग्र विकास का आधार
बस्तर क्षेत्र को राज्य की मुख्य विकासधारा में लाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक मजबूत कदम उठाया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में जगदलपुर में “विकसित बस्तर की ओर” विषय पर एक महत्वपूर्ण परिचर्चा आयोजित की गई, जिसमें बस्तर संभाग के विकास को लेकर अनेक रणनीतियों और योजनाओं पर विचार-विमर्श हुआ।
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर बस्तर को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि बस्तर केवल एक भौगोलिक इकाई नहीं, बल्कि यह परंपरा, संस्कृति और संघर्ष की धरोहर है, जिसे विकास की नई दिशा देने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर की जलवायु और भू-परिस्थितियां कृषि के लिए अत्यंत अनुकूल हैं। खासतौर पर मक्के की खेती को उन्होंने एक लाभकारी विकल्प बताया। उन्होंने कहा कि मक्का कम लागत में अधिक उत्पादन देने वाली फसल है और बस्तर की जलवायु इसके लिए बेहद अनुकूल है। साथ ही, कोदो-कुटकी जैसे मोटे अनाज (मिलेट्स) की खेती को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
श्री साय ने बताया कि राज्य सरकार ने मत्स्य पालन, बकरी पालन और शूकर पालन जैसे क्षेत्रों में भी विशेष बजट प्रावधान किए हैं ताकि ग्रामीण आजीविका के साधनों को और सशक्त किया जा सके।
उन्होंने अधिकारियों और कलेक्टरों को निर्देशित किया कि कृषि क्षेत्र की उत्पादकता बढ़ाने और सीमांत किसानों को मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कृषि केवल एक आर्थिक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह जनजातीय जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने नक्सलवाद को विकास में बाधा बताते हुए कहा कि यह केवल एक सुरक्षा चुनौती नहीं, बल्कि वर्षों से चली आ रही विकासहीनता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से नक्सलवाद के समूल उन्मूलन के लिए निर्णायक प्रयास जारी हैं और 2026 तक इस चुनौती को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य है।
परिचर्चा के दौरान कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार ने बस्तर के लिए तैयार किए गए कृषि रोडमैप को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि बस्तर की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए फसल विविधीकरण, जैविक खेती, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, कृषि यंत्रीकरण, ऋण की सुलभता और मूल्य संवर्धन पर कार्य किया जा रहा है।
वर्तमान में बस्तर संभाग में करीब 2.98 लाख सक्रिय किसान परिवार हैं, जिनमें से 2.75 लाख परिवारों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल चुका है। योजना की 19वीं किस्त के तहत अब तक 64.77 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। इसके अलावा क्षेत्र में कृषि शिक्षा और अनुसंधान के लिए 7 कृषि विज्ञान केंद्र, 4 कृषि महाविद्यालय, 2 उद्यानिकी महाविद्यालय और 1 वेटरनरी पॉलीटेक्निक कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप, विधायकगण, प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं किसान, व्यापारी तथा कृषि क्षेत्र से जुड़े स्थानीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अंत में सभी से आग्रह किया कि वे बस्तर के विकास के इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं ताकि यह क्षेत्र आत्मनिर्भरता और समृद्धि की ओर तेजी से बढ़ सके।