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बस्तर में बड़ी सफलता: 21 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण, आईजी सुंदरराज बोले – “अब या तो आत्मसमर्पण करें या सामना करें”

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) पी. सुंदरराज ने जानकारी दी कि बुधवार को कुल 21 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया। इनमें 13 महिला और 8 पुरुष नक्सली शामिल हैं, जिन्होंने 18 हथियारों के साथ सरेंडर किया।

आईजी सुंदरराज ने कहा, “नक्सलियों के पास अब केवल दो रास्ते बचे हैं — या तो आत्मसमर्पण करें या फिर सुरक्षा बलों के साथ मुकाबले के लिए तैयार रहें। सरकार उन लोगों का स्वागत करती है जो हिंसा छोड़कर समाज में लौटना चाहते हैं।”

उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में केशकाल डिवीजन कमेटी के सचिव मुकेश भी शामिल हैं। प्रशासन की ओर से सभी नक्सलियों को पुनर्वास योजना के तहत आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।

 मुख्यमंत्री ने बताया “नक्सलवाद की रीढ़ टूटी”

इससे पहले, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विश्वदेव साई ने रविवार को इस सरेंडर को राज्य की बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि सरकार की ‘समर्पण एवं पुनर्वास नीति’ का असर अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है।

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मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “पुना मर्गेम – पुनर्वास से पुनरुत्थान की दिशा में, आज कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ शांति का मार्ग चुना है। यह हमारी नीति और ‘नियाड़ नेल्ला नर योजना’ की सफलता का प्रमाण है, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विश्वास और परिवर्तन का माहौल बना रही है।”

सीएम साई ने दोहराया कि सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाना है।

 सीआरपीएफ ने शहीद डॉग ‘इगो’ को दी अंतिम विदाई

इधर, सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन ने बुधवार को अपने वफादार के-9 डॉग ‘इगो’ को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।

इगो, जो 4 साल 8 महीने का था, एंटी-नक्सल अभियान के दौरान सक्रिय रूप से काम कर रहा था और कई बार IED बमों का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि, हाल ही में उसे गंभीर किडनी रोग हुआ जिसके चलते उसकी मौत हो गई।

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बटालियन के अधिकारियों ने कहा, “इगो हमारे दल का साहसी सदस्य था। उसने कई अभियानों में हमारे जवानों की जान बचाई। उसकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी।”