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बालोद में धान घोटाला: दो संग्रहण केंद्रों में 9.97 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान, प्रभारियों पर मामला दर्ज

जिले में धान संग्रहण व्यवस्था में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। जांच में खुलासा हुआ है कि वर्ष 2024-25 के दौरान बालोद जिले के दो धान संग्रहण केंद्रों—जगतरा और धोबनपुरी—में भारी मात्रा में धान की कमी पाई गई, जिससे राज्य सरकार को करीब 9 करोड़ 97 लाख रुपये से अधिक की आर्थिक क्षति हुई है।

जिला विपणन अधिकारी (डीएमओ) टिकेंद्र राठौर द्वारा कार्यालय के उपलब्ध ऑनलाइन रिकॉर्ड के आधार पर धान के भंडारण और उठाव की जांच कराई गई। जांच के दौरान दोनों केंद्रों को मिलाकर कुल 43 हजार 235 क्विंटल धान कम पाया गया। इस गंभीर अनियमितता को लेकर संबंधित संग्रहण केंद्र प्रभारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।

जगतरा संग्रहण केंद्र में 5.59 करोड़ रुपये की हेराफेरी

बालोद थाना क्षेत्र के ग्राम जगतरा स्थित धान संग्रहण केंद्र में वर्ष 2024-25 के दौरान कुल 9 लाख 15 हजार 939 क्विंटल से अधिक धान का भंडारण दर्ज था। रिकॉर्ड के अनुसार, क्रेताओं और राइस मिलरों को अधिकांश धान का प्रदाय किया जा चुका था, जिसके बाद केंद्र में करीब 24 हजार 210 क्विंटल धान शेष रहना चाहिए था।
हालांकि निरीक्षण के दौरान ऑनलाइन रिकॉर्ड के मिलान में यह पूरा धान गायब पाया गया। इसकी अनुमानित कीमत 5 करोड़ 59 लाख 10 हजार 198 रुपये बताई गई है। डीएमओ ने इस मामले में जगतरा संग्रहण केंद्र प्रभारी क्षेत्र सहायक राणा रन्ती देव सिंह वर्मा को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

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धोबनपुरी केंद्र में 19 हजार क्विंटल धान की कमी

इसी तरह गुरुर थाना क्षेत्र के ग्राम धोबनपुरी धान संग्रहण केंद्र में भी बड़ी मात्रा में धान की कमी उजागर हुई है। यहां भंडारित और प्रदाय किए गए धान के रिकॉर्ड के भौतिक मिलान के बाद कुल 19 हजार 14 क्विंटल धान कम पाया गया। इस धान की अनुमानित कीमत 4 करोड़ 38 लाख 14 हजार 638 रुपये आंकी गई है।
इस मामले में संग्रहण केंद्र प्रभारी क्षेत्र सहायक व्यास नारायण ठाकुर पर धान की हेराफेरी कर शासन को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।

पुलिस ने दर्ज किया अपराध

डीएमओ की शिकायत पर पुलिस ने दोनों संग्रहण केंद्र प्रभारियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 137(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। अधिकारियों के अनुसार, जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि शासन द्वारा निर्धारित सूखत सीमा से कहीं अधिक मात्रा में धान की कमी पाई गई है, जिसके लिए संबंधित केंद्र प्रभारी जिम्मेदार हैं।

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फिलहाल पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और आगे और भी खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।