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आयुष्मान भारत योजना से प्रतिदिन 1,600 से अधिक मरीजों का नि:शुल्क उपचार

रायपुर, 11 सितंबर 2025। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत पंजीकृत निजी अस्पतालों द्वारा लगातार मरीजों का उपचार किया जा रहा है। वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 1,600–1,700 दावे प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिनकी राशि प्रतिदिन 4 करोड़ रुपये से अधिक है।

वित्तीय वर्ष 2025–26 में राज्य सरकार अब तक 375 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है। इस राशि से जुलाई 2025 तक के लगभग 280 करोड़ रुपये के दावे निपटा दिए गए हैं। वहीं केंद्र सरकार से 130 करोड़ रुपये इस सप्ताह मिलने की संभावना है, जिससे अस्पतालों के लंबित दावों का भुगतान किया जा सकेगा।

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के साथ निरंतर परामर्श जारी है और सभी पंजीकृत अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि वे लाभार्थियों को कैशलेस उपचार उपलब्ध कराएं। किसी भी आयुष्मान कार्डधारक मरीज से शुल्क न लेने की सख्त हिदायत दी गई है।

योजना के नियमों का उल्लंघन करने वाले 118 अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई की जा चुकी है, जिसमें 24 अस्पतालों का डी-एम्पैनलमेंट और 11 अस्पतालों का निलंबन शामिल है। विभाग ने स्पष्ट किया कि भविष्य में भी गड़बड़ी करने वाले अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।

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हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया, छत्तीसगढ़ के चेयरमैन डा. सुरेंद्र शुक्ला ने बताया कि विभागीय मंत्री की पहल पर 375 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा केंद्र से 130 करोड़ रुपये का आबंटन हो चुका है, जो शीघ्र प्राप्त होगा। इस प्रकार कुल 505 करोड़ रुपये निजी अस्पतालों के लंबित बकाया भुगतान हेतु उपलब्ध होंगे।

राज्य एवं जिला शाखाओं के प्रतिनिधियों ने मरीजों के हित में लिए गए इस निर्णय का स्वागत किया और कहा कि जब शासन द्वारा बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जा चुका है, तो ऐसी स्थिति में किसी भी परिस्थिति में मरीजों का नि:शुल्क इलाज बंद नहीं किया जाएगा।

राज्य सरकार ने घोषणा की है कि योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए शीघ्र ही एक स्टेकहोल्डर्स कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसमें अस्पतालों, संगठनों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ योजनागत मुद्दों और उनके समाधान पर चर्चा की जाएगी।

सरकार का स्पष्ट कहना है कि कोई भी गरीब या कमजोर वर्ग का परिवार आर्थिक तंगी के कारण इलाज से वंचित न हो। पारदर्शी भुगतान व्यवस्था, सख्त निगरानी और निरंतर सुधार के जरिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रदेश के हर पात्र परिवार तक नि:शुल्क और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचें।

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