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अयोध्या में प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर पर फहराया भगवा ध्वज, निर्माण कार्य हुआ औपचारिक रूप से पूरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अयोध्या स्थित राम मंदिर पर भगवा ध्वज फहराकर मंदिर के निर्माण के औपचारिक समापन का ऐतिहासिक समारोह संपन्न किया। इस अवसर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल अनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहे।

भगवा ध्वज, जो 10 फीट ऊँचा और 20 फीट लंबा है, पर सूर्य की चमकदार छवि, पवित्र ‘ॐ’ और कोविदारा वृक्ष अंकित हैं। इसे शुभ मुहूर्त अभिजीत में फहराया गया, जिसे हिंदू पंचांग में अत्यंत शुभ माना जाता है।

ध्वज फहराने का महत्व

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि यह समारोह राम मंदिर के निर्माण के औपचारिक समापन का प्रतीक है। भगवा रंग अग्नि और उगते सूर्य का प्रतीक है, जो त्याग और समर्पण का संदेश देता है।

अयोध्या में भक्ति और उत्साह का माहौल पूरे शहर में दिखाई दिया। सुबह से ही मंदिर शहर “जय श्री राम” के जयघोष से गूंज उठा। श्रद्धालु और साधु-पुजारियों ने इसे “ध्वज आरोहन” की पवित्र परंपरा का ऐतिहासिक पल करार दिया।

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प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर परिसर में प्रवेश कर राम दरबार गर्भ गृह, राम लल्ला गर्भ गृह, सप्तमंदिर, शेषावतार मंदिर और माता अन्नपूर्णा मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान ‘दार्शन’, ‘पूजा’, ‘ध्वज आरोहन’ और संबोधन का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

मंदिर परिसर और सुरक्षा व्यवस्था

मंदिर परिसर में 87 संगमरमर की नक़्क़ाशी के दृश्य वाल्मीकि रामायण की कहानियों को दर्शाते हैं, जबकि 79 कांस्य मूर्तियाँ भारतीय संस्कृति के विविध रूपों का प्रतीक हैं।

शहर में भारी सुरक्षा प्रबंध किए गए। अधिकारियों के अनुसार, 6,970 सुरक्षा कर्मी, जिनमें ATS कमांडो, NSG स्नाइपर्स, साइबर विशेषज्ञ और तकनीकी टीमें शामिल हैं, तैनात की गई हैं। एंटी-ड्रोन सिस्टम, उन्नत निगरानी तकनीक और वीआईपी सुरक्षा दल सक्रिय हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को मंदिर स्थल का निरीक्षण कर सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया। अधिकारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं को सार्वजनिक दर्शन मंगलवार शाम से या बुधवार (26 नवंबर) से उपलब्ध होंगे।

श्रद्धालुओं ने इसे पीढ़ियों की कुर्बानियों का फल और ऐतिहासिक अवसर बताया। एक वृद्ध श्रद्धालु ने कहा, “यह क्षण 500 वर्षों के इंतजार और बलिदानों का परिणाम है। हम इसके साक्षी बनकर धन्य हैं।”

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इस ऐतिहासिक दिन ने अयोध्या और पूरे देश में धार्मिक और सांस्कृतिक उत्साह का माहौल पैदा कर दिया।