आज हम पते में जिस “छत्तीसगढ़” शब्द का उपयोग करते हैं, वह श्रद्धेय अटल जी की ही देन : मुख्यमंत्री साय
रायपुर, 16 अगस्त 2026/ आज हम छत्तीसगढ़वासी अपने पते में जिस “छत्तीसगढ़” शब्द का उपयोग करते हैं, वह अटल बिहारी वाजपेयी की ही देन है। वे हमारे छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता के रूप में सदैव स्मरणीय रहेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर रायपुर के अवंती विहार चौक पर आयोजित माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री साय ने अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनका पुण्य स्मरण किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अटल जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। पत्रकार, कवि और राजनेता के रूप में उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। उनके भाषण सभी को मंत्रमुग्ध करते थे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के ‘रजत महोत्सव’ का शुभारंभ किया है, जो 25 सप्ताह तक चलेगा। आज हम छत्तीसगढ़ की रजत जयंती मना रहे हैं, जो अटल जी की देन है। इस दौरान सभी विभाग विविध कार्यक्रम आयोजित करेंगे। यह वर्ष अटल जी का जन्म शताब्दी वर्ष भी है। उनकी स्मृति में इसे ‘अटल निर्माण वर्ष’ घोषित किया गया है, जिसके तहत अधोसंरचना विकास के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अटल जी ने जिस उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया, उन उद्देश्यों की पूर्ति करते हुए हमारा राज्य तेजी से तरक्की की राह पर बढ़ रहा है। इन 25 वर्षों की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि हमने अगले 25 वर्षों में विकसित राज्य बनने की संकल्पना की है और इसे पूरा करने के लिए ‘छत्तीसगढ़ अंजोर विजन-2047’ रोडमैप तैयार किया है।
मुख्यमंत्री साय ने अपने संस्मरण साझा करते हुए कहा कि उनका सौभाग्य रहा कि जब अटल जी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब वे सांसद निर्वाचित हुए। उन्होंने संसद में अटल जी के व्याख्यान सुने। लोकसभा में उनके संबोधन का सभी को इंतजार रहता था। उनका चुटीला अंदाज, बेबाकी और अपनी बात रखने की कला सबका मन मोह लेती थी। जब छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण संबंधी बिल संसद में प्रस्तुत हुआ, उस चर्चा को सुनने का अवसर उन्हें मिला। उस समय राज्यसभा सांसद लखी राम अग्रवाल और दिलीप सिंह जूदेव ने भी अपनी बात संसद में रखी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अटल जी ने हमें सिखाया कि सिद्धांतों पर दृढ़ रहना चाहिए। वे सिद्धांत और मूल्यों की राजनीति को महत्व देते थे। उन्होंने कहा कि अटल जी का जीवन इस बात का प्रमाण है कि राजनीति केवल सत्ता प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि संवाद, सहमति और संवेदना की कला भी है। उनकी वाणी आज भी हमारी धड़कनों में गूंजती है।
कार्यक्रम को विधायक पुरंदर मिश्रा और राज्य खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर किशोर महानंद, जयंती पटेल, अवंती विहार व्यापारी संघ के पदाधिकारी सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।