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मराठा सैन्य परिदृश्य को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया

भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है, क्योंकि मराठा सैन्य परिदृश्य को 2025 में यूनेस्को विश्व धरोहर समिति के 47वें सत्र के दौरान विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। यह घोषणा 6 से 16 जुलाई, 2025 तक पेरिस, फ्रांस में यूनेस्को मुख्यालय में आयोजित सत्र के दौरान की गई। मराठा सैन्य परिदृश्य, जिसमें महाराष्ट्र और तमिलनाडु के 12 किले शामिल हैं, मराठा साम्राज्य की सैन्य वास्तुकला और रणनीतिक प्रतिभा का प्रतीक है। यह मान्यता भारत के सांस्कृतिक इतिहास को वैश्विक मंच पर उजागर करती है और इसके संरक्षण को सुनिश्चित करती है।

मराठा सैन्य परिदृश्य का अवलोकन

मराठा सैन्य परिदृश्य में 12 किलों का एक समूह शामिल है, जो 17वीं से 19वीं शताब्दी के बीच विकसित किए गए थे। इनका निर्माण छत्रपति शिवाजी महाराज के शासनकाल (1670 ई.) से शुरू हुआ और पेशवा शासन (1818 ई.) तक जारी रहा। ये किले मराठा साम्राज्य की सैन्य रणनीतियों और वास्तुशिल्प नवाचारों का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। महाराष्ट्र में 390 से अधिक किलों में से, निम्नलिखित 12 किलों को इस नामांकन के लिए चुना गया:

किला

प्रकार

स्थान

संरक्षण

साल्हेर

पहाड़ी किला

महाराष्ट्र

पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय, महाराष्ट्र

शिवनेरी

पहाड़ी किला

महाराष्ट्र

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)

लोहगढ़

पहाड़ी किला

महाराष्ट्र

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)

खंदेरी

द्वीपीय किला

महाराष्ट्र

पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय, महाराष्ट्र

रायगढ़

पहाड़ी किला

महाराष्ट्र

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)

राजगढ़

पहाड़ी किला

महाराष्ट्र

पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय, महाराष्ट्र

प्रतापगढ़

पहाड़ी-जंगल किला

महाराष्ट्र

पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय, महाराष्ट्र

सुवर्णदुर्ग

द्वीपीय किला

महाराष्ट्र

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)

पन्हाला

पहाड़ी-पठार किला

महाराष्ट्र

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)

विजयदुर्ग

तटीय किला

महाराष्ट्र

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)

सिंधुदुर्ग

द्वीपीय किला

महाराष्ट्र

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)

जिंजी

पहाड़ी किला

तमिलनाडु

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)

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ये किले विभिन्न भौगोलिक परिदृश्यों में फैले हुए हैं, जो मराठा साम्राज्य की रणनीतिक विविधता को दर्शाते हैं। इनमें से आठ किलों का संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा किया जाता है, जबकि चार का संरक्षण महाराष्ट्र सरकार के पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय द्वारा किया जाता है।

नामांकन का विवरण

मराठा सैन्य परिदृश्य को 2024-25 चक्र के लिए यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में नामांकन के लिए प्रस्तुत किया गया था। इसे 2021 में भारत की अस्थायी सूची में जोड़ा गया था, जो इसे महाराष्ट्र से छठा सांस्कृतिक संपत्ति नामांकन बनाता है। नामांकन को निम्नलिखित सांस्कृतिक मानदंडों के आधार पर मूल्यांकन किया गया:

  • मानदंड (iii): मराठा सैन्य परिदृश्य मराठा सांस्कृतिक परंपरा और सभ्यता का एक अनूठा प्रमाण है।

  • मानदंड (iv): यह मानव इतिहास के एक महत्वपूर्ण काल को दर्शाने वाला वास्तुशिल्प और तकनीकी समूह का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

  • मानदंड (vi): यह छत्रपति शिवाजी महाराज के नेतृत्व में मराठा साम्राज्य के उदय जैसे विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण घटनाओं और विचारों से सीधे जुड़ा हुआ है।

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47वें विश्व धरोहर समिति सत्र के दौरान, जो 6 से 16 जुलाई, 2025 तक पेरिस में आयोजित हुआ, मराठा सैन्य परिदृश्य को आधिकारिक तौर पर विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया। इसे संपत्ति संख्या 1739 के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जिसमें कुल क्षेत्रफल 1,577.63 हेक्टेयर और बफर जोन 96,500.43 हेक्टेयर है।

मान्यता का महत्व

मराठा सैन्य परिदृश्य की यह मान्यता भारत के लिए एक गर्व का क्षण है, क्योंकि यह देश के विश्व धरोहर स्थलों की संख्या को 42 से बढ़ाकर 43 कर देता है। महाराष्ट्र में अब सात विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें शामिल हैं:

विश्व धरोहर स्थल

वर्ष

प्रकार

अजंता गुफाएं

1983

सांस्कृतिक

एलोरा गुफाएं

1983

सांस्कृतिक

एलिफेंटा गुफाएं

1987

सांस्कृतिक

छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस

2004

सांस्कृतिक

मुंबई के विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको समूह

2018

सांस्कृतिक

पश्चिमी घाट

2012

प्राकृतिक

मराठा सैन्य परिदृश्य

2025

सांस्कृतिक

यह मान्यता मराठा साम्राज्य की सैन्य और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक स्तर पर उजागर करती है। यह किलों के संरक्षण को सुनिश्चित करती है और पर्यटन को बढ़ावा देती है, जिससे स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भारत की समृद्ध इतिहास और संस्कृति को समझने का अवसर मिलता है। यह मराठा साम्राज्य की रणनीतिक और वास्तुशिल्प उपलब्धियों को भी रेखांकित करता है, जो भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय का प्रतिनिधित्व करता है।

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मराठा सैन्य परिदृश्य को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित करना भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल इन ऐतिहासिक संरचनाओं को संरक्षित करता है, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन को भी बढ़ावा देता है। यह मान्यता मराठा साम्राज्य की नवीन भावना और भारत की विविध धरोहर को समझने और उसका सम्मान करने का अवसर प्रदान करती है। यह भारत के लिए एक गर्व का क्षण है, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए इस समृद्ध विरासत को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।