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अरपा बचाओ अभियान द्वारा रतनपुर में एक दिवसीय संगोष्ठी सम्पन्न

बिलासपुर, 20 मई/मानव सभ्यता का विकास नदी से हुआ है। वहीं तालाबों का निर्माण मानव ने किया है। तालाब हमारी संस्कृति है तो नदी सभ्यता।। गांवों का नाम भी तालाबों के ऊपर रखा गया है जैसे रानीसागर, लाखासर, बालसमुंद, तालाबपारा आदि।

संगोष्ठी संबोधित करते हुए डॉ सोमनाथ यादव, संयोजक अरपा बचाओ अभियान बिलासपुर

उक्त बातें हमारे तालाब विषय पर रतनपुर स्थित माँ महामाया मन्दिर धर्मशाला में बिलासा कला मंच और अरपा बचाओ अभियान द्वारा आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अथिति डॉ विनय कुमार पाठक ने वक्त की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में तालाब का महत्पूर्ण स्थान है, इसे बचाना हम सबकी जवाबदारी है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बिलासा कला मंच के संस्थापक एवं अरपा बचाओ अभियान के संयोजक डॉ सोमनाथ यादव ने कहा कि इस अभियान की मुख्य विशेषता है लोगों को नदी, तालाब, खेत, पेड़ के संरक्षण के प्रति जागरूक करना।

डॉ यादव ने कहा कि इन सबका महत्व समझे और इसका बचाव करें। उन्होंने कहा कि वे गत 10 वर्षो से अरपा के उद्गम से संगम तक की तीन दिवसीय यात्रा कर जनता को इसकी महत्ता को बता रहे है।

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विशिष्ट अथिति माँ महामाया मन्दिर ट्रस्ट के सचिव सुनील सोंथालिया ने कहा कि रतनपुर वासियों को तालाबों के विकास, सौंदर्यीकरण, गहरीकरण, जलभराव आदि के लिए एक समिति बनाकर काम करना चाहिए इसके लिए महामाया ट्रस्ट पूरी तरह से समिति का सहयोग करेगी।

वरिष्ठ पत्रकार प्राण चड्डा ने कहा कि खूंटाघाट के पानी से रतनपुर के तालाबों को आंतरिक स्रोत मिलता है इसके पानी को बाहर ले जाने की आवश्यकता नहीं है। पानी एक खजाना है इसे सहेजना होगा।

वक्ता संजय जायसवाल ने कहा कि वर्तमान में रतनपुर में 158 तालाब हैं। रजबन्धा तालाब में सबसे ज्यादा पानी है लेकिन सारे नाले के गंदे पानी वहीँ छोड़े जाते हैं। तालाब पूरी तरह से प्रदूषित हो गया है।

पत्रकार नीरज जायसवाल ने बताया कि रतनपुर में राजमार्ग बनाने से 4-5 तालाबों की बलि हो वही चापी जलाशय बनने के बाद बहुत से तालाब सुख गए।

बसंत यादव ने बताया कि तालाबो को पुनर्जीवित करना है तो सबको जिम्मेदारी लेनी होगी। आज तालाबो में अतिक्रमण हो गए है, तालाब किसानों के मित्र है।

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बालकृष्ण मिश्र ने कहा कि 57 एकड़ का भीखा तालाब मर गया है। सौंदर्यीकरण के नाम पर सीमेंटीकरण तालाब को खत्म कर रहा है।

अजय शर्मा ने कहा तालाब का संरक्षण प्राचीन पद्दति से होना चाहिए, पहले हर व्यक्ति तालाब की सफाई करता था पर आज ऐसा दिखाई नही देता।

संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार माणिकलाल सोनी, शिव बघेल, शंकरलाल पटेल, सूरज सोनी ने भीअपने विचार रखे। संगोष्ठी में अरपा बचाओ अभियान के सदस्य डॉ सुधाकर बिबे, राजेन्द्र मौर्य, देवानंद दुबे, रामेश्वर गुप्ता, सूरज सोनी,अश्वनी पाण्डे सहित रतनपुर तथा बिलासपुर के बुद्धिजीवी और बिलासा कला मंच के सदस्यगण उपस्थित रहे।