राष्ट्रविरोधी सोशल मीडिया गतिविधियों पर केंद्र सख्त, मंत्रालयों से मांगी कार्रवाई रिपोर्ट
नई दिल्ली, 5मई 2025: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया की भूमिका को लेकर सख्त रुख अपनाया है। संसद की स्थायी समिति (सूचना प्रौद्योगिकी शाखा) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों और प्रभावकों (influencers) के खिलाफ संभावित कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है, जिन पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का संदेह है।
समिति ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वे 8 मई 2025 तक यह बताएं कि आईटी अधिनियम 2000 और डिजिटल मीडिया आचार संहिता नियम 2021 के तहत ऐसे प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाने या उनके खिलाफ कार्रवाई करने के क्या कदम उठाए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, जिन सोशल मीडिया अकाउंट्स या प्लेटफॉर्म्स पर हिंसा भड़काने, अफवाहें फैलाने या देशविरोधी प्रचार में लिप्त होने का आरोप है, उनके खिलाफ अस्थायी या स्थायी बैन लगाया जा सकता है।
इस कार्रवाई का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश की सुरक्षा के विरुद्ध किसी भी डिजिटल माध्यम का दुरुपयोग न हो और डिजिटल स्पेस में जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा मिले। मंत्रालयों को समिति की सिफारिशों के अनुसार एक विस्तृत रिपोर्ट ईमेल (comit@sansad.nic.in) पर भेजने के लिए कहा गया है।
सरकार के इस कदम को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है, खासकर उन मामलों में जहाँ राष्ट्रहित दांव पर हो।