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अद्वैत वेदांत और योग के यूरोपीय दूत : अनंतबोध चैतन्य

अनंतबोध चैतन्य एक प्रतिष्ठित भारतीय आध्यात्मिक गुरु, अद्वैत वेदांत शिक्षक और योगाचार्य हैं, जो भारत और यूरोप के बीच आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक सेतु के रूप में कार्य कर रहे हैं। वे श्रीविद्या, तंत्र, योग और सनातन धर्म की गूढ़ शिक्षाओं को आधुनिक जीवन शैली के अनुरूप सरल भाषा और व्यावहारिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत करते हैं। उनका कार्य न केवल भारत में बल्कि लिथुआनिया, स्पेन, जर्मनी और कई यूरोपीय देशों में आध्यात्मिकता और भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर रहा है।

जीवन परिचय और शैक्षणिक पृष्ठभूमि

हरियाणा के पानीपत में जन्मे अनंतबोध चैतन्य का बचपन से ही चिंतनशील और वैदिक प्रवृत्ति वाला रहा। उन्होंने संस्कृत, भारतीय दर्शन और योग का औपचारिक अध्ययन किया। वेदांत और योग में गहराई लाने हेतु उन्होंने शास्त्री और दर्शन विषय में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की। साथ ही योग शिक्षक प्रशिक्षण, मुद्रा चिकित्सा और मर्म चिकित्सा का भी विधिवत अभ्यास किया।

गुरु परंपरा और श्रीविद्या दीक्षा

अनंतबोध चैतन्य को गोविंद मठ, वाराणसी के अधिष्ठाता स्वामी विश्वदेवानंद पुरी जी महाराज से श्रीविद्या तंत्र की शक्तिपूर्ण दीक्षा प्राप्त हुई। इसी दीक्षा के साथ उन्हें नया नाम “अनंतबोध चैतन्य” प्राप्त हुआ। वे आज अद्वैत वेदांत और श्रीविद्या परंपरा के संयुक्त साधक के रूप में वैश्विक स्तर पर भारतीय ज्ञान परंपरा का प्रचार कर रहे हैं।

अनंतबोध चैतन्य की प्रमुख शिक्षाएँ

  • अद्वैत वेदांत: आत्मा और ब्रह्म की एकता का बोध

  • श्रीविद्या साधना: देवी उपासना और श्री यंत्र का ध्यान

  • योग और ध्यान: जीवन में संतुलन और आत्मिक जागृति

  • व्यावहारिक धर्म: आधुनिक जीवन में वैदिक सिद्धांतों की प्रासंगिकता

वे अपने प्रवचनों, शिविरों और ऑनलाइन कार्यक्रमों में शास्त्र, योग और तंत्र का सुंदर समन्वय प्रस्तुत करते हैं।

प्रमुख संगठन और सामाजिक भूमिकाएँ

भारत में:

  • गोविंद मठ ट्रस्ट, वाराणसी – ट्रस्टी

  • स्वामी विश्वदेवानंद चैरिटेबल ट्रस्ट, कोलकाता – ट्रस्टी (2014 से)

  • सनातन धारा फाउंडेशन, पानीपत – संस्थापक अध्यक्ष

  • विश्वकल्याण धर्म फाउंडेशन, पानीपत – ट्रस्टी (2025 से)

  • वीर सेना सेवा समिति, कुरुक्षेत्र – संस्थापक ट्रस्टी

  • दृष्टि फाउंडेशन ट्रस्ट – संस्थापक ट्रस्टी

यूरोप में:

  • स्वामी विश्वदेवानंद योग वेदांत आश्रम, लिथुआनिया – संस्थापक

  • अनंतबोध योग एवं आयकीडो स्टूडियो, जोनावा – निदेशक

  • Namai Pasauliui (नमाई पासाउलियू), लिथुआनिया – संस्थापक NGO

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर:

  • Yoga Alliance International – 2015 में मानद योग राजदूत नियुक्त

यूरोप में भारतीय संस्कृति का प्रचार

अनंतबोध चैतन्य यूरोप में निम्नलिखित माध्यमों से भारतीय संस्कृति का प्रचार कर रहे हैं:

  • योग दिवस, दीपावली, होली जैसे उत्सवों का आयोजन

  • गीता और उपनिषद पर साप्ताहिक कक्षाएँ

  • संस्कृत और हिंदी भाषा का शिक्षण

  • ऑनलाइन योग और ध्यान सत्र

  • यूरोपीय संस्थानों में भारतीय दर्शन पर व्याख्यान

अनंतबोध चैतन्य का जीवन दर्शन, अध्यात्म और कर्मयोग का समन्वय है। वे आधुनिक जीवन की जटिलताओं के बीच सनातन परंपरा को जीवंत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनकी शिक्षाएँ न केवल व्यक्ति को आत्मबोध की ओर प्रेरित करती हैं, बल्कि सांस्कृतिक मूल्यों के पुनर्जागरण का भी मार्ग प्रशस्त करती हैं।