futuredछत्तीसगढ

मुरिया दरबार में शामिल हुए केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह, मांझी-चालकी से किया सीधा संवाद

रायपुर, 4 अक्टूबर 2025। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बस्तर दशहरा पर्व के अवसर पर जगदलपुर के सिरहासार भवन में आयोजित मुरिया दरबार में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत माँ दंतेश्वरी के चित्र पर दीप प्रज्वलन से हुई।

अमित शाह ने इस अवसर पर बस्तर के पारंपरिक नेतृत्व—मांझी-चालकी से सीधा संवाद किया और बस्तर से माओवाद समाप्त करने में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि जिन युवाओं ने नक्सलवाद का रास्ता अपनाया है, उन्हें समझाया जाए कि वे हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटें और शासन की योजनाओं का लाभ लें।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बस्तर के विकास और नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन के लिए दृढ़संकल्पित हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि मार्च 2026 तक बस्तर पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त होगा। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि बस्तर के युवा डॉक्टर, इंजीनियर, डिप्टी कलेक्टर और कलेक्टर बनकर पूरे छत्तीसगढ़ की सेवा करें। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि कोई भी युवा हिंसा के रास्ते पर न जाए और जो भटक गए हैं, वे आत्मसमर्पण करके समाज की मुख्यधारा में लौटें।”

See also  बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार: 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ

गृह मंत्री ने कहा कि जहाँ-जहाँ नक्सलवाद समाप्त हुआ है, वहाँ विकास कार्य तेज़ी से हो रहे हैं और लोग सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुरिया दरबार को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार बस्तर दशहरा पर्व को और अधिक भव्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने घोषणा की कि बस्तर दशहरा के लिए दी जाने वाली राशि 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये की जाएगी। इसके साथ ही जिया डेरा, माडिया सराय जैसे पारंपरिक स्थलों के विकास और निर्माण कार्य भी सुनिश्चित किए जाएंगे।

इस अवसर पर अमित शाह, विष्णु देव साय और अन्य अतिथियों का स्वागत बस्तर दशहरा समिति के परंपरागत सदस्यों—मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरिन और नाईक-पाईक—ने पारंपरिक पगड़ी और माला पहनाकर आत्मीयता के साथ किया।

मुरिया दरबार को उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, सांसद और बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष महेश कश्यप ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप, आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम, पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद कांकेर भोजराज नाग, विधायक जगदलपुर किरण देव, विधायक कोण्डागांव लता उसेण्डी, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, विधायक दंतेवाड़ा चैतराम अटामी, विधायक केशकाल नीलकंठ टेकाम, विधायक कांकेर आशाराम नेताम, बस्तर राजपरिवार के सदस्य कमलचंद्र भंजदेव, बस्तर दशहरा समिति के उपाध्यक्ष बलराम मांझी सहित बस्तर दशहरा समिति के परंपरागत सदस्य मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरिन और नाईक-पाईक उपस्थित रहे।

See also  अमेरिका से प्रत्यर्पित हुए अपराधी अनमोल बिश्नोई, एनआईए की हिरासत में दिल्ली पहुंचा

मुरिया दरबार में परंपरा, संस्कृति और प्रशासनिक संवाद का यह संगम बस्तर की अद्वितीय लोक परंपरा का जीवंत उदाहरण बना।