\

अमेरिका ने चीन पर लगाया रिकॉर्ड 104% टैरिफ, ट्रंप बोले – “हम इंतज़ार कर रहे हैं उनके कॉल का”

अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध ने नया मोड़ ले लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार से चीन पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लागू करने का फैसला किया है, जिससे अब चीन से आने वाले सामानों पर कुल 104% टैरिफ लगेगा। यह अब तक का सबसे बड़ा शुल्क है जो अमेरिका ने किसी देश पर लगाया हो।

चीन को दिया गया था 24 घंटे का अल्टीमेटम

इससे पहले चीन ने अमेरिकी सामानों पर 34% टैरिफ लागू किया था, जिसे ट्रंप प्रशासन ने “प्रतिशोधात्मक” करार दिया। जवाब में राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन को 24 घंटे में यह शुल्क वापस लेने का अल्टीमेटम दिया था, नहीं तो कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। चीन ने इस धमकी को ठुकराते हुए अमेरिका को चुनौती दी थी — और अब ट्रंप ने अपना वादा निभा दिया।

एक हफ्ते में 10% से 104% तक का सफर

कुछ हफ्तों पहले तक अमेरिका चीन पर केवल 10% शुल्क लगाता था। लेकिन ट्रंप ने कहा कि चीन लंबे समय से अमेरिका का “शोषण” कर रहा है और अब वक्त है जवाब देने का। पिछले हफ्ते उन्होंने “रिसिप्रोकल टैरिफ” की नीति घोषित की, जिसमें अमेरिका उन देशों पर आधा टैरिफ लगाएगा जितना वे अमेरिका पर लगाते हैं। इसके तहत चीन के लिए शुल्क 44% हो गया।

2 अप्रैल को राष्ट्रपति ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा के हवाले से सभी देशों के लिए 10% का बेसलाइन टैरिफ घोषित किया। इसके साथ चीन के लिए शुल्क बढ़कर 54% हो गया। अब, बुधवार को ट्रंप द्वारा 50% अतिरिक्त शुल्क लगाने से चीन पर कुल टैरिफ 104% हो गया है।

ट्रंप का संदेश: “हम इंतज़ार कर रहे हैं”

हालांकि ट्रंप ने बातचीत के रास्ते खुले रखने की बात भी कही है। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर उन्होंने लिखा, “चीन भी समझौता करना चाहता है, लेकिन उन्हें समझ नहीं आ रहा कि शुरुआत कैसे करें। हम उनके कॉल का इंतज़ार कर रहे हैं।”

चीन की चेतावनी: “अंत तक लड़ेंगे”

चीन ने अमेरिका की धमकी को “ब्लैकमेल” बताया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, “अमेरिका की यह कार्रवाई एक गलती पर दूसरी गलती है। अगर अमेरिका अपनी ज़िद पर अड़ा रहा, तो चीन भी अंत तक लड़ेगा।”

वैश्विक बाज़ारों में हड़कंप

दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच इस व्यापार युद्ध ने वैश्विक बाज़ारों में हलचल मचा दी है। कोविड महामारी के बाद पहली बार शेयर बाज़ारों में इतनी बड़ी गिरावट देखी गई है। अब दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या दोनों देश आपसी मतभेद सुलझा पाएंगे, या यह संघर्ष और गहराएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *