\

अम्बेडकर अस्पताल में पैन्क्रियास की सर्जरी की सुविधा उपलब्ध

रायपुर, 31 अगस्त 2017/ स्वास्थ्य एवं परिवार विभाग के विशेष प्रयासों से देश के महानगरों एवं राज्य के बड़े चिकित्सकीय संस्थानों में ही उपलब्ध होने वाली मानव शरीर की महत्वपूर्ण एवं जटिल ग्रंथि पैन्क्रियास (अग्नाशय) में होने वाले ट्यूमर की दुर्लभ एवं जटिल सर्जरी सुविधा अब डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल के कैंसर सर्जरी विभाग में उपलब्ध हो गया है। हाल ही में यहां के कैंसर सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष गुप्ता और उनकी टीम ने पैन्क्रियास में होने वाली जटिल गंाठ (सॉलिड ट्यमर) का सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर मरीज को नई जिंदगी दी। ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति स्वस्थ्य है। मरीज को जो बीमारी थी उसको चिकित्सकीय भाषा में ”स्पेन (सॉलिड एंड स्यूडोपेपिलरी इपीथिलियल नियोप्लाज्म)” और इस ऑपरेशन की विधि को ”डिस्टल पैन्क्रियोस्प्लीनेक्टोमी” कहा जाता है। अम्बेडकर में पैन्क्रियास ग्रंथि से सम्बन्धित बीमारियों की सर्जरी की सुविधा उपलब्ध होने से राज्य के मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

अम्बेडकर अस्पताल के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि मुंगेली जिले के निवासी 23 वर्षीय छात्रा को लगातार पेट में तेज दर्द की षिकायत थी। भूख नहीं लगती थी जिसके कारण तेजी से वजन में गिरावट हो रही थी। बेहतर इलाज की आस में उसके परिजनों ने़े अम्बेडकर अस्पताल में भर्ती किया, जहां कैंसर विभाग के डॉक्टरों से प्रारंभिक जांच कराई। प्रारंभिक जांच के तौर पर सोनोग्राफी, सीटी स्केन सुई जांच (एफ.एन.ए.सी.) एवं एम. आर. आई. किया जिसमें मरीज के पेट में गांठ की पुष्टि हुई। डॉक्टरों ने रिपोर्ट को देखकर ऑपरेषन की योजना बनाई। गांठ की लम्बाई 7 सेमी. तथा चौड़ाई 5 सेमी. थी। यह गांठ अग्नाषय को खून पहुंचाने वाली प्रमुख नलियों से काफी चिपकी हुई थी। मरीज को अतिरिक्त खून चढ़ाई की आवष्यकता भी नहीं पड़ी।

कैंसर सर्जरी विषेषज्ञ डॉ. आषुतोष गुप्ता ने बताया कि अग्नाषय में मौजूद ट्यूमर को बाहर से महसूस कर पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। न किसी तरह की कोई सूजन दिखाई देती है ना ही कोई गांठ महसूस होती है। एनाटोमी के हिसाब से अग्नाशय शरीर में बहुत अंदर छिपा हुआ स्थित होता है और इसके आस पास बहुत महत्वपूर्ण अंग होते हैं। इसमें लीवर, गॉल ब्लैडर, स्प्लीन (प्लीहा या तिल्ली) आदि अंग आते हैं। पेट में इतने अंदर छिपे होने के कारण ही इसमें हुई परेशानियों को पता लगाना बाकी अंगों की तुलना में काफी कठिन होता है। ज्यादातर युवावस्था में होने वाला यह ट्यूमर पेट के अंदर धीरे-धीरे बढ़ता है और फैलता है।
अधिकारियों ने बताया कि डॉ. आषुतोष गुप्ता, डॉ. गुंजन अग्रवाल, डॉ. शांतनु तिवारी, डॉ. अमित चौरसिया तथा दो निष्चेतना विषेषज्ञों डॉ. सुनील गुप्ता, डॉ. आषीष मजूमदार की टीम ने वर्ष 2014 से अब तक 2600 से भी अधिक सुप्रामेजर कैंसर सर्जरी सफलतापूर्वक की है। अम्बेडकर अस्पताल मध्यभारत का एकमात्र संस्थान जहां अन्न नली, आमाषय, बड़ी आंत, मलद्वार, गर्भाषय तथा गर्भाषय मुख का कैंसर, पित्त की थैली हेतु मिनिमल इन्वेसिव पद्धति से कैंसर सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है। इसी तरह मुख एवं जबड़े के कैंसर के लिये एण्डोस्कोपिक नेक डिसेक्षन तथा माइक्रावेस्कुलर फ्री फ्लेप रिकंस्ट्रक्षन सर्जरी नियमित तौर पर की जा रही है। बेहतर उपचार तथा कैंसर सर्जरी के बाद मृत्यु दर एक प्रतिषत से भी कम होने के कारण इस संस्थान में काफी संख्या में पड़ोसी राज्य जैसे- ओड़ीषा, महाराष्ट, मध्य प्रदेष तथा बिहार से मरीज आते हैं। कैंसर बीमारी की कुछ अतिविषिष्ट सर्जरी पर अभी तक बारह से अधिक नेषनल एवं इंटरनेषनल रिसर्च प्रकाषित हो चुके हैं।