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एयर इंडिया की पुणे-दिल्ली उड़ान रद्द, पक्षी से टकराव के बाद विमान जाँच के लिए ग्राउंड किया गया

एयर इंडिया को शुक्रवार, 20 जून 2025 को पुणे से दिल्ली जाने वाली अपनी निर्धारित उड़ान रद्द करनी पड़ी, जब दिल्ली से आए विमान के साथ पक्षी के टकराने की घटना सामने आई। यह टकराव उस समय हुआ जब विमान ने पुणे हवाई अड्डे पर सुरक्षित लैंडिंग की थी। टक्कर का पता लैंडिंग के बाद चला, जब विमान को वापसी उड़ान के लिए तैयार किया जा रहा था।

एयरलाइन ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “फ्लाइट AI2470, जिसे आज पुणे से दिल्ली के लिए उड़ान भरनी थी, उसे एक पक्षी से टकराव की घटना के चलते रद्द किया गया है। विमान को विस्तृत तकनीकी जांच के लिए अस्थायी रूप से ग्राउंड कर दिया गया है।”

यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था और मुआवज़ा

कंपनी ने प्रभावित यात्रियों से खेद व्यक्त करते हुए घटना को “अप्रत्याशित” बताया और कहा कि यात्रियों और क्रू की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। यात्रियों को या तो पूरा रिफंड दिया जा रहा है या बिना अतिरिक्त शुल्क के अगली यात्रा के लिए पुनः बुकिंग की सुविधा दी जा रही है। साथ ही, यात्रियों को दिल्ली पहुंचाने के लिए वैकल्पिक उड़ानों की व्यवस्था की जा रही है।

सुरक्षा को लेकर बढ़ी सख्ती

हाल के महीनों में एयर इंडिया की सुरक्षा व्यवस्था पर पहले से ही दबाव बढ़ा हुआ है, विशेष रूप से अहमदाबाद से लंदन जा रही ड्रीमलाइनर फ्लाइट की दुर्घटना के बाद, जिसमें 271 लोगों की जान गई थी। इस दर्दनाक हादसे के बाद नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने एयर इंडिया के बोइंग 787 विमानों की व्यापक सुरक्षा जांच का आदेश दिया।

DGCA की रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना के बाद से अब तक 66 ड्रीमलाइनर उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। केवल 12 जून को ही छह उड़ानों को ग्राउंड कर दिया गया था। 18 जून तक 33 में से 24 ड्रीमलाइनर विमानों की जांच पूरी की जा चुकी है, और शेष विमानों की समीक्षा जारी है। फिलहाल दो विमान दिल्ली में मरम्मत के कारण ‘एयरक्राफ्ट ऑन ग्राउंड’ (AOG) की स्थिति में हैं।

उड़ानें प्रभावित, यात्रियों की चिंता बरकरार

हालांकि पक्षी से टकराव की घटनाएं विमानन क्षेत्र में आम हैं, लेकिन ऐसे मामलों में विमान की पूर्ण जांच ज़रूरी मानी जाती है ताकि भविष्य की उड़ानों में कोई खतरा न हो। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे टकराव इंजन और बाहरी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे तकनीकी खामियों का जोखिम बढ़ जाता है।