अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर भिलाई में दो लोकप्रिय श्रमिकों का सम्मान
भिलाई नगर, 2 मई 2025 / अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस (मई दिवस) के उपलक्ष्य में 1 मई को अगासदिया परिसर, आमदीनगर, भिलाई में दो सेवाभावी लोकप्रिय श्रमिकों — यूसुफ ख़ान और हेमंत सिन्हा — का सम्मान किया गया।
धमधा क्षेत्र के रावेलीडीह गांव निवासी मोहम्मद यूसुफ ख़ान कुशल वाहन चालक के रूप में दैनिक रोज़ी करते हैं। दिन में वाहन चलाने के साथ-साथ वे रात में महाविद्यालय में चौकीदारी और माली का काम भी करते हैं। वहीं दुर्ग के गया नगर निवासी हेमंत कुमार सिन्हा वाहन चालक होने के साथ-साथ सक्रिय समाजसेवी भी हैं। दोनों का सम्मान शाल, श्रीफल, पुस्तक और स्मृति-चिह्न भेंट कर किया गया।
समारोह के मुख्य अतिथि अरुण अग्रवाल ने कहा कि श्रमिक वर्ग की सामाजिक एकता और जनसेवा को मान देने का कार्य डॉ. परदेशीराम वर्मा और अगासदिया परिवार ने कर अनुकरणीय परंपरा को आगे बढ़ाया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता बसंत लाल मालवीय ने की। उन्होंने कहा कि अलग-अलग मजहब के दो श्रमिक मित्रों को एक साथ सम्मानित करना एक सकारात्मक संदेश है।
विशेष अतिथि डॉ. रजनी नेलसन ने अपने काव्य पाठ के माध्यम से श्रमिकों के जीवन की महत्ता को उजागर किया, जबकि महंत अंतराम ने श्रम गीत प्रस्तुत कर वातावरण को भावविभोर कर दिया। साहित्यकार बद्रीप्रसाद पारकर ने श्रमिक जीवन की कठिनाइयों पर आधारित कविताएं सुनाईं। मुनीलाल निषाद ने अपने जीवन में श्रम के महत्व पर विचार साझा किए और अगासदिया द्वारा मिले सम्मान को सार्थक बताया।
संयोजक डॉ. परदेशीराम वर्मा ने कहा कि आधुनिक युग के महान दार्शनिकों द्वारा मेहनतकश मजदूरों की एकजुटता के सिद्धांत छत्तीसगढ़ के कवियों की रचनाओं में भी झलकते हैं। उन्होंने संत पवन दीवान, भगवतीलाल सेन, हरि ठाकुर, बलदेव साव, द्वारिका प्रसाद तिवारी ‘विप्र’, नारायणलाल परमार, मुकुंद कौशल और लक्ष्मण मस्तूरिया जैसे कवियों की कविताओं को जन-जागरण और सामाजिक एकता का ओजस्वी स्वर बताया।
उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ पर कबीर और गुरु बाबा घासीदास का गहरा प्रभाव है, इसलिए यहां शोषण, जाति-पाति, दमन और ऊँच-नीच की भावना को स्वीकार नहीं किया जाता। भिलाई इस्पात संयंत्र को कवियों ने श्रमशक्ति का फौलादी ताजमहल कहा है, और आज जिन युवाओं को सम्मानित किया गया, वे पढ़े-लिखे, संघर्षशील और एकता के लिए समर्पित हैं।
समारोह में शिक्षाविद स्मिता वर्मा, डामन लाल साहू, यमुनोत्री वर्मा, खुशबू, श्रीमती उषा वर्मा, श्रीमती मधु वर्मा, नीतीश कुमार, अर्जुन वर्मा, राजेश खोब्रागड़े, अब्दुल कलाम समेत अगासदिया परिवार से जुड़े साहित्यकार, कलाकार और सम्मानित नागरिक उपस्थित थे।