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स्वाईन फ़्लू के लक्षण एवं उससे बचने के उपाय

रायपुर, 21 फरवरी 2019/स्वास्थ्य विभाग ने स्वाईन फ्लू के प्रति लोगों को जागरूक करने, इससे बचाव और रोकथाम के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में स्वाईन फ्लू के लक्षणों के बारे में लोगों को आगाह करते हुए विभाग ने बताया है कि स्वाईन फ्लू (एच1 एन1) वायरस के कारण होता है।
यह संक्रमित वस्तुओं के संपर्क से फैलता है। स्वाईन फ्लू के लक्षणों में बुखार, खांसी, नाक बहना, गले में खराश, सिर दर्द, बदन दर्द तथा उल्टी शामिल हैं। इस बीमारी का वायरस संक्रमित व्यक्तियों के छींकने-खांसने से ड्रापलेट के रूप में हवा में आ जाते हैं। इसलिए लोगों को भीड़ वालों स्थानों में जाने से बचना चाहिए। साथ ही सर्दी-खांसी एवं जुकाम वाले व्यक्तियों के द्वारा उपयोग में लाये गये रूमाल और कपड़े का उपयोग नहीं करना चाहिए।
 स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि स्वाईन फ्लू के लक्षण पाये जाने पर पीड़ितों को 24 से 48 घंटों के भीतर चिकित्सक से जांच अवश्य करानी चाहिए। बीमारी के लक्षण वाले छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप तथा अन्य रोगों जैसे किडनी, लीवर, कैंसर के पीड़ितों को चिकित्सक की सलाह पर ओसेल्टामीवीर की दवाई लेना चाहिए। स्वाईन फ्लू बीमारी की पुष्टि हेतु नजदीकी जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज से संपर्क किया जा सकता है।
स्वाईन फ्लू के संभावित या पॉजिटीव मरीजों से घर पर एवं अस्पताल में भर्ती के दौरान बचाव के लिए ट्रिपल लेयर मास्क और चश्मा का उपयोग करना चाहिए। मरीजों के सीधे संपर्क में आने पर आंख, नाक, कान व मुंह को छूने से पहले साबून से हाथ धोना चाहिए। भीड़ वाली सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचना चाहिए। संक्रमित व्यक्ति से एक मीटर की दूरी बनाकर रहें। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के पहले मुंह एवं नाक पर कव्हर (मास्क) का प्रयोग करें।
आम नागरिक स्वाईन फ्लू के संबंध में अधिक जानकारी के लिए निःशुल्क आरोग्य सेवा 104 डायल कर स्वास्थ्य परामर्श ले सकते हैं। निःशुल्क जांच हेतु राज्य के माईक्रोबॉयोलोजी विभाग, रायपुर एवं जगदलपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज में सुविधा उपलब्ध है। राज्य के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों, जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ओसेल्टामीवीर की दवाईयां निःशुल्क उपलब्ध है।