ट्रंप की व्यापार नीतियों से वॉल स्ट्रीट में चिंता, मंदी की आशंका बढ़ी
सोमवार को वॉल स्ट्रीट ने 2022 के बाद से सबसे खराब ट्रेडिंग दिन का सामना किया, क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों के आर्थिक प्रभाव से निवेशकों में चिंता बढ़ गई। एक संभावित व्यापार युद्ध और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेतों ने बाजारों को हिलाकर रख दिया। ट्रंप ने इस संभावना को पूरी तरह से नकारा नहीं किया, जिससे अनिश्चितता और बढ़ गई।
रविवार को फॉक्स न्यूज से बातचीत में ट्रंप ने कहा, “यह एक परिवर्तन का दौर है, क्योंकि हम जो कर रहे हैं, वह बहुत बड़ा है। हम अमेरिका में धन वापस ला रहे हैं, और इसमें थोड़ा समय लगता है।” उन्होंने “अल्पकालिक दर्द” की बात की, लेकिन मंदी को लेकर पूरी स्पष्टता नहीं दी।
मंदी की चर्चा के कारण विश्लेषकों के अनुसार, मंदी की चर्चा के तीन मुख्य कारण हैं। पहले, निवेशकों को अब यकीन हो गया है कि ट्रंप अपने चुनावी वादों के तहत टैरिफ लागू कर रहे हैं, जिससे व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ी है। दूसरे, अमेरिकी 10-वर्षीय बॉंड यील्ड में गिरावट को मंदी के संकेत के रूप में देखा गया है। तीसरे, अमेरिकी अर्थव्यवस्था में विकास दर में गिरावट के संकेत मिल रहे हैं, जैसे कि फरवरी की नौकरी रिपोर्ट और घटता उपभोक्ता विश्वास।
उच्च टैरिफ योजना की समस्याएं अमेरिकी अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक समस्याएं हैं, जो टैरिफ की धमकी को टिकाऊ बनाने में बाधा डालती हैं। अमेरिका में घरेलू उत्पादन की तुलना में उपभोग अधिक है, जिसके कारण व्यापार घाटा बढ़ता है। ट्रंप ने दावा किया था कि टैरिफ का भुगतान विदेशी देश करते हैं, लेकिन असल में इसे अमेरिकी आयातक ही चुकाते हैं, और अंत में उपभोक्ता को उच्च कीमतों के रूप में इसका सामना करना पड़ता है।
संभावित फेड पिवट ट्रंप की व्यापार नीतियों से मुद्रास्फीति बढ़ने का खतरा है, जिससे अमेरिकी फेडरल रिजर्व को अपनी दर कटौती प्रक्रिया में देरी करनी पड़ सकती है। इसके परिणामस्वरूप अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर और दबाव बढ़ सकता है, और बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।
इस प्रकार, ट्रंप की व्यापार नीतियों ने वैश्विक बाजारों और अमेरिकी अर्थव्यवस्था दोनों के लिए गंभीर चुनौतियां पेश की हैं। अब यह देखना होगा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए ट्रंप प्रशासन क्या कदम उठाता है और क्या वॉल स्ट्रीट इस अस्थिरता से उबर पाएगा।