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पैरी भी वरदान साबित होगी महासमुन्द जिले के लिए ;चुन्नीलाल साहू

रायपुर /महासमुन्द 24 फरवरी 2025 / छत्तीसगढ़ की जीवन रेखाओं में से एक पैरी नदी भी महासमुन्द जिले की जनता के लिए वरदान साबित हो सकती है, बशर्ते इस नदी पर गरियाबंद जिले में निर्मित सिकासेर बाँध का ओवर फ्लो होकर व्यर्थ बह जाने वाला अतिरिक्त पानी नहरों के जरिए महासमुन्द जिले में स्थित शहीद वीर नारायण सिंह बाँध (कोडार बाँध )में लाया जाए. इससे महासमुन्द जिले के सभी पाँच विकास खण्डो में भूजल स्तर में गिरावट को काफी हद तक रोका जा सकेगा और हजारों एकड़ खेतों की प्यास भी बुझाई जा सकेगी.पैरी नदी गरियाबंद जिले में भाटीगढ़ की पहाड़ी से निकलती है, जो महानदी की सहायक नदी है.

यह बात महासमुन्द लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद और खल्लारी के पूर्व विधायक चुन्नीलाल साहू ने कही. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री चुन्नीलाल साहू ने आज टेलीफोन पर चर्चा के दौरान बताया कि उनके इस प्रस्ताव को उनकी पार्टी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए वर्ष 2023 में हुए आम चुनाव के घोषणा पत्र में भी शामिल किया हुआ है. इस पर अमल के लिए ड्रोन के जरिए हवाई सर्वेक्षण भी शुरू हो गया है. श्री साहू ने कहा कि प्रस्तावित प्रोजेक्ट के तहत पूरे महासमुन्द जिले में नहरों का नेटवर्क बिछाकर भरपूर सिंचाई सुविधा विकसित की जा सकती है.इससे ग्रामीणों को खेती के कार्यों में बारहमासी रोजगार मिलने की संभावना भी बढ़ेगी और रोजगार की तलाश में पलायन करने की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी.मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार इस दिशा में गंभीरता से प्रयास कर रही है.

श्री साहू ने बताया कि यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट भी है. इसके लिए वह लगातार पहल और प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यह प्रस्तावित प्रोजेक्ट इस प्रकार है कि सबसे पहले सिकसेर बाँध के ओवर फ्लो के पानी को, यानी अतिरिक्त पानी को नहरों के जरिए गरियाबंद जिले के छुरा विकासखंड से होते हुए नहरों के जरिए बागबाहरा (जिला -महासमुन्द )के बोकरामुड़ा से चंडी बाँध, चरोदा बाँध और कोडार बाँध की तरफ ले जाया जाएगा. चंडी बाँध के ओवर फ्लो के पानी को कांदाजरी नाले से होकर जोंक नदी के जरिए पिथौरा विकास खण्ड में सिंगारपुर (लोरम ) के पास बने सिंचाई डायवर्सन में लाया जाएगा. इस डायवर्सन में पानी का भंडारण होने पर महासमुन्द जिले के पिथौरा, बसना और सरायपाली विकास खण्डों के हजारों एकड़ खेतों को सिंचाई के लिए पानी दिया जा सकेगा और इन तीनों विकास खण्डो में भी जनता को भूजल स्तर में गिरावट की समस्या से मुक्ति मिल सकेगी.बसना -सरायपाली क्षेत्र फुलझर इलाके के नाम से भी जाना जाता है. यह प्रस्तावित प्रोजेक्ट फुलझर अंचल के लिए भी वरदान साबित हो सकता है.

श्री साहू ने बताया कि उन्होंने इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए ग्रामीणों के साथ मिलकर लगभग दो साल पहले पैरी नदी से महानदी तक 155किलोमीटर की पदयात्रा भी की थी. पदयात्रा के बाद राजधानी रायपुर में उनके नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने तत्कालीन राज्यपाल श्री विश्व भूषण हरिचंदन को ज्ञापन भी सौंपा था, जिस पर राज्यपाल ने तत्काल संज्ञान में लेकर राज्य सरकार को यह प्रस्ताव वर्ष 2022-23 के बजट में शामिल करने के भी निर्देश दिए थे.राज्य पाल के निर्देश पर राज्य सरकार ने इसे बजट में लेकर ड्रोन सर्वेक्षण भी शुरू करवा दिया है.

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