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गणतंत्र दिवस पर परेड में छत्तीसगढ़ की झांकी की ये होगी

दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर आयोजित होने वाले भारत पर्व 2025 में छत्तीसगढ़ की झांकी राज्य की सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध विरासत का अद्वितीय प्रदर्शन करेगी। इस बार की झांकी भारत सरकार की थीम स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास पर आधारित होगी। इसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपराएं, और रामनामी समुदाय की विशिष्ट पहचान को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा। यह झांकी छत्तीसगढ़ की आत्मा और भारतीय विरासत के अनमोल पहलुओं को दर्शाएगी।

छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत

छत्तीसगढ़ अपनी अद्वितीय सांस्कृतिक परंपराओं, आदिवासी समुदायों, और लोक कला के लिए प्रसिद्ध है। झांकी में छत्तीसगढ़ के प्रमुख सांस्कृतिक पहलुओं को दर्शाया जाएगा, झांकी को तीन भागों में विभाजित किया गया है।

  1. लोक कला और नृत्य: झांकी में पंथी, राउत नाचा, और सुवा नृत्य जैसे पारंपरिक लोक नृत्यों की झलक देखने को मिलेगी। यह नृत्य न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक पहचान को भी प्रतिबिंबित करते हैं।
  2. हस्तकला और शिल्प: बेल मेटल (ढोकरा), लकड़ी की नक्काशी, और बांस के उत्पाद छत्तीसगढ़ की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा को प्रदर्शित करेंगे।
  3. वनोपज और प्राकृतिक संसाधन: महुआ, तेंदू पत्ता, और अन्य वनोपज झांकी का हिस्सा होंगे, जो छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का केंद्र हैं।

रामनामी समुदाय की झलक

झांकी का विशेष आकर्षण रामनामी समुदाय होगा। यह समुदाय भगवान राम के प्रति अपनी अनूठी श्रद्धा के लिए प्रसिद्ध है।

  1. विशिष्ट परंपरा: रामनामी समाज के लोग अपने शरीर पर “राम” नाम का गोदना (टैटू) कराते हैं, जो उनकी गहरी आस्था और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। इस परंपरा को झांकी में उकेरा जाएगा।
  2. रामचरितमानस का महत्व: रामनामी समुदाय तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस को विशेष रूप से पूजनीय मानता है। झांकी में रामचरितमानस के साथ उनकी भक्ति और सादगी को दिखाया जाएगा।
  3. समानता और समर्पण: रामनामी समाज बिना जाति-भेद के भगवान राम की आराधना करता है। वे भक्ति और समानता के मूल्यों को बढ़ावा देते हैं, जो भारतीय संस्कृति के आदर्शों का प्रतीक हैं।
  4. सरल जीवन: रामनामी समुदाय के लोग अत्यंत सरल और आध्यात्मिक जीवन जीते हैं। उनका विश्वास है कि राम नाम का जाप और पालन करना ही सच्चा धर्म है।

स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास

झांकी का स्वरूप

झांकी की संरचना का प्रारंभिक भाग में रामनामी समुदाय के लोग, “राम” नाम के साथ सज्जित परिधानों में प्रदर्शित। मध्य भाग में छत्तीसगढ़ के पारंपरिक नृत्य और हस्तशिल्प का प्रदर्शित किया गया है। अंतिम भाग में राज्य के विकास कार्यों, जैसे ग्रीन एनर्जी, औद्योगिक प्रगति और डिजिटल विकास को दर्शाया गया है।

संदेश और महत्व

भारत पर्व में छत्तीसगढ़ की झांकी का उद्देश्य केवल राज्य की संस्कृति और विकास को प्रस्तुत करना नहीं है, बल्कि यह भी दिखाना है कि कैसे भारत की विविधता और विरासत “स्वर्णिम भारत” के निर्माण में योगदान देती है। यह झांकी न केवल राज्य की पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर सुदृढ़ करेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व मंच पर भी ले जाएगी।

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